(वार्षिकी 2025) : विविध क्षेत्रों में पूर्वोत्तर में उल्लेखनीय उपलब्धियां
- Admin Admin
- Dec 27, 2025
गुवाहाटी, 27 दिसंबर (हि.स.)। विदायी वर्ष 2025 में उत्तर-पूर्व भारत ने शिक्षा, विज्ञान, संस्कृति, अवसंरचना, अर्थव्यवस्था और सामाजिक विकास के अनेक क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियां दर्ज कीं।
वर्ष की शुरुआत में 19 जनवरी को ‘मन की बात’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने असम की ‘हातिबंधु’ पहल की सराहना की। 10 फरवरी को ‘परीक्षा पे चर्चा’ में त्रिपुरा के सिपाहीजला जिले के बिलोनिया उपखंड निवासी छात्र प्रीतम दास ने प्रधानमंत्री से संवाद किया। 20 मई को ‘अंडरस्टैंडिंग लाइफ-लॉन्ग लर्निंग फॉर ऑल इन सोसाइटी’ के तहत मिजोरम को भारत का पहला पूर्ण साक्षर राज्य घोषित किया गया।
22 सितंबर को प्रधानमंत्री ने अरुणाचल प्रदेश में 5,100 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया, वहीं उसी दिन त्रिपुरा के उदयपुर स्थित माताबाड़ी में पुनर्निर्मित त्रिपुरेश्वरी मंदिर का लोकार्पण भी किया। 20 दिसंबर को गुवाहाटी के लोकप्रिय गोपीनाथ बरदलै अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 1.4 लाख वर्गमीटर क्षेत्र में निर्मित नए टर्मिनल का उद्घाटन, नामरूप में 12 लाख मैट्रिक टन क्षमता वाले यूरिया संयंत्र का शिलान्यास तथा लगभग 16 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन-शिलान्यास किया गया। 21 दिसंबर को प्रधानमंत्री ने असम में औद्योगिकीकरण, संपर्क विस्तार और पाम ऑयल मिशन से किसानों की आय बढ़ने की बात कही। इसी क्रम में ब्रह्मपुत्र नद में नौका यात्रा के दौरान गुवाहाटी के 25 चयनित विद्यार्थियों के साथ ‘परीक्षा पे चर्चा’ के तहत संवाद भी किया गया।
26 दिसंबर को नई दिल्ली में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने संगीत के क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धि के लिए मिजोरम की बाल गायिका एस्थर नामते को ‘प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2025’ प्रदान किया।
शिक्षा और मानव संसाधन के क्षेत्र में असम में बेहतर शैक्षिक वातावरण के कारण स्कूल ड्रॉप-आउट दर में उल्लेखनीय कमी दर्ज हुई। सिलचर स्थित एनआईआईटी द्वारा विकसित न्यूरल चिप और तकनीकी नवाचारों को राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली। असम के आरियन जिशान को दो क्षुद्रग्रहों की खोज के लिए नासा से सम्मान प्राप्त हुआ। 6 जनवरी से असम के 11 जिलों में ‘गुणोत्सव 2025’ का प्रथम चरण आरंभ हुआ, जिसमें 14,11,874 विद्यार्थियों का मूल्यांकन किया गया और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया।
अवसंरचना और सम्मान की बात करें तो गुवाहाटी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नए टर्मिनल को ‘अंतरराष्ट्रीय वास्तुकला पुरस्कार 2025’ से सम्मानित किया गया। समाज और उद्योग में योगदान के लिए कई विशिष्ट नागरिकों को ‘असम एक्सीलेंस अवॉर्ड 2025’ प्रदान किए गए।
अर्थव्यवस्था, निवेश और उद्योग के क्षेत्र में ‘एडवांटेज असम 2.0’ शिखर सम्मेलन के माध्यम से राज्य के औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन के लिए भारी निवेश प्रतिबद्धताएं प्राप्त हुईं। असम की अर्थव्यवस्था का आकार बढ़कर लगभग छह लाख करोड़ रुपये के करीब पहुंचा। भविष्य में रोजगार अवसर बढ़ाने के लिए जागीरोड में सेमीकंडक्टर हब और उच्च तकनीकी उद्योगों की दिशा में बड़े कदम उठाए गए।
जिला और सामाजिक विकास में गोलाघाट जिले को सामुदायिक समरसता और सामाजिक उत्थान के लिए ‘आदि कर्मयोगी अभियान 2025’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। कुल मिलाकर 2025 असम के लिए शिक्षा, विज्ञान, संस्कृति, खेल और अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में स्मरणीय वर्ष रहा।
इसी तरह 2025 में त्रिपुरा ने भी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल कीं। ‘धरती आबा जन भागीदारी अभियान’ और ‘पीएम जनमन’ कार्यक्रमों के लिए राज्य को तीन राष्ट्रीय पुरस्कार मिले। 15,584 से अधिक आवासों का निर्माण, 141 नए आंगनवाड़ी केंद्रों की स्थापना और 38,014 घरों में नल जल कनेक्शन जैसे विकास कार्य सफलतापूर्वक पूरे किए गए। पश्चिम मजलिशपुर ग्राम पंचायत को ग्रामीण ई-गवर्नेंस में राष्ट्रीय रजत पुरस्कार प्राप्त हुआ।
व्यावसायिक सुधारों में ‘उद्यम समागम 2025’ के अंतर्गत ‘टॉप अचीवर अवॉर्ड’ से त्रिपुरा को सम्मानित किया गया। ऊर्जा क्षेत्र में त्रिपुरा स्टेट इलेक्ट्रिसिटी कॉरपोरेशन लिमिटेड को ‘राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार’ मिला। स्टार्ट-अप और उद्यमिता में त्रिपुरा ने उत्तर-पूर्व में अग्रणी स्थान हासिल किया। ‘त्रिपुरा ग्रामीण आजीविका मिशन’ के तहत आठ महीनों में लगभग 389.75 करोड़ रुपये की सहायता स्वीकृत हुई और मनरेगा के अंतर्गत केंद्रीय औसत से अधिक कार्यदिवस सृजित किए गए।
शिक्षा और मानव विकास में त्रिपुरा को भारत का तीसरा पूर्ण साक्षर राज्य घोषित किया गया। एआईटीटी 2025 में त्रिपुरा के युवा छात्र सैमुअल देबबर्मा ने उत्तर-पूर्व में शीर्ष स्थान प्राप्त किया। शहरी विकास में केंद्र सरकार से 240.5 करोड़ रुपये की सहायता मिली, जिससे 20 नगर क्षेत्रों में पेयजल, सोलर लाइट, सीसीटीवी और वाणिज्यिक ढांचे का विकास हुआ। कानून-व्यवस्था में सुधार के साथ अपराध दर में कमी आई और मादक पदार्थों की बरामदगी व नष्टिकरण अभियान उल्लेखनीय रूप से तेज हुआ।
इस प्रकार वर्ष 2025 उत्तर-पूर्व भारत के लिए उपलब्धियों और विकास की नई मिसाल बनकर सामने आया है।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश



