बीएलओ ड्यूटी के दबाव में नहीं करा पाए बच्चे का इलाज, पांच माह के मासूम की मौत

परिजनों में कोहराम, जांच की मांग तेज।

औरैया, 30 नवम्बर (हि. स.)। उत्तर प्रदेश के औरैया जनपद के शहर के मोहल्ला नारायणपुर में एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जहां सफाई कर्मी पर जबरन बीएलओ ड्यूटी थोपे जाने के चलते उसके पांच माह के बीमार बच्चे को समय पर इलाज नहीं मिल सका और रविवार को मासूम की मौत हो गई। घटना के बाद से परिवार में मातम पसरा है और मोहल्ले के लोगों में भी गहरा आक्रोश व्याप्त है।

नारायणपुर निवासी सफाई कर्मी भोले सिंह ने आरोप लगाया कि उनके पांच माह के बेटे शिवा की तबीयत पिछले कई दिनों से खराब चल रही थी। परिजन उसे अस्पताल ले जाने की तैयारी में थे, लेकिन इसी बीच उन पर लगातार बीएलओ ड्यूटी का दबाव बना रहा। उन्होंने बताया कि वह नियमित रूप से सफाई कर्मी के पद पर कार्यरत हैं, लेकिन पिछले पांच दिनों से उनसे सफाई कार्य कराने के बाद बीएलओ के साथ भी तैनाती कर दी गई थी।

भोले सिंह के अनुसार सुपरवाइज़र ओमकार उन्हें बार-बार बीएलओ कार्य में भेजने का दबाव बना रहे थे, जबकि उन्होंने कई बार बच्चे की गंभीर हालत का हवाला देते हुए अवकाश की मांग की। आरोप है कि उनकी गुहार को नजरअंदाज किया गया और मजबूरन उन्हें दैनिक कार्य के साथ बीएलओ ड्यूटी भी निभानी पड़ी।

परिजनों का कहना है कि लगातार दोहरी ड्यूटी में उलझे रहने के कारण भोले सिंह बच्चे को अस्पताल नहीं ले जा सके। रविवार को जब बच्चे की हालत अचानक बिगड़ी तो परिवारजन अस्पताल भागे, लेकिन डॉक्टरों ने शिवा को मृत घोषित कर दिया। यह सुनते ही परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।

घटना के बाद से मोहल्ले में शोक की लहर दौड़ गई है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उनका कहना है कि यदि समय रहते बच्चे का इलाज हो जाता, तो उसकी जान बचाई जा सकती थी।

ग्रामीणों का कहना है कि किसी भी कर्मचारी पर इस तरह जबरन ड्यूटी थोपना न सिर्फ अमानवीय है, बल्कि इससे कई बार गंभीर परिणाम सामने आते हैं। वहीं, मामले के तूल पकड़ने के बाद स्थानीय प्रशासन भी सक्रिय हो गया है। फिलहाल बच्चे की मौत के कारणों और आरोपी अधिकारियों की भूमिका की जांच की जा रही है।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील कुमार