द्वितीय प्रतिष्ठा द्वादशी समारोह के दौरान शुरू हुई राम कथा
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- Dec 29, 2025
-प्रणाम वंदन करने वाला अहंकारी नहीं हो सकता : जगतगुरु राम दिनेशाचार्य
अयोध्या, 29 दिसंबर (हि.स.)। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा आयोजित द्वितीय प्रतिष्ठा द्वादशी के समारोह के दाैरान जगद्गुरु रामानंदाचार्य राम दिनेशाचार्य ने श्रीरामकथा कीI ट्रस्ट महामंत्री चम्पत राय ने व्यास पूजन कर कथा का शुभारंभ करायाI कथा व्यास रामदिनेशाचार्य ने श्री राम कथा में राम के जीवन को वर्तमान परिप्रेक्ष्य में समाज के लिए उपयोगी बताते हुए छोटे-छोटे वृतान्तों के माध्यम से रुचिकर तरीके से कई प्रसंग सुनाए।
उन्होंने कहा नित्य वंदन करने वाला अहंकारी नहीं हो सकता। प्रणाम इसीलिए बनाया गया है। जो इसका अभ्यासी हो जाता है, उसके जीवन में कभी अहंकार नहीं रहता। तुलसीदास जी ने सबको प्रणाम किया। यहाँ तक कि दुष्टों को भी नमन किया। उन्होंने कहा राम कथा सबका मंगल करने वाली है। यह तीनों लोक को पावन करती है। कलयुग में जीव के कल्याण का एकमात्र साधन भगवान का नाम है। जिसने राम के नाम का सहारा लिया, उन सब की मुक्ति हो गई। कलयुग की सबसे बड़ी भक्ति का नाम है नाम जप। यह नामजप जीव किसी भी अवस्था में कर सकता है। राम का नाम मात्र जीव के पाप को जला कर देता है। श्री हनुमान जी ने नाम जप के बल पर ही प्रभु राम को अपने वश में कर लिया। संत प्रवर ने इसी क्रम में पूरे विश्व पर राज्य करने वाले सिकंदर की कथा का भी जिक्र किया जिसमें कहा कि भारत के एक संत की नसीहत पर सिकंदर ने कहा था कि उसकी मृत्यु के बाद हाथ कफन के बाहर करके शव यात्रा निकालना जिससे दुनिया देख ले कि इस दुनिया से कोई कुछ साथ नहीं ले जा सकता। प्रथम दिवस की कथा में श्रीराम वल्लभाकुंज के अधिकारी संत राजकुमार दास, श्री राम आश्रम महंत जयराम दास, ट्रस्ट सदस्य डॉ. अनिल मिश्र, गोपाल, धनन्जय पाठक सहित अनेक वरिष्ठ जन उपस्थित रहे।
उल्लेखनीय है कि 27 दिसंबर से शुरू हुए प्रतिष्ठा द्वादशी समारोह के दौरान हर दिन विविध कार्यक्रम हो रहे हैं। आज भी श्रीराम कथा का शुभारंभ होने के साथ ही पांच दिवसीय संगीतमय श्रीरामचरित मानस पाठ की शुरुआत हुई है।
हिन्दुस्थान समाचार / पवन पाण्डेय



