विकास बनाम भ्रष्टाचार की जंग, बाघमुंडी से भाजपा का हमला

पुरुलिया, 20 दिसंबर (हि.स.)।

राज्य की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए जा रहे विकास के दावों के जवाब में भारतीय जनता पार्टी ने अब पलटवार तेज कर दिया है। पुरुलिया जिले के बाघमुंडी से भाजपा विधायक सुदीप्त मुखोपाध्याय ने शनिवार सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ भ्रष्टाचार, उपेक्षा और प्रशासनिक विफलता को लेकर एक तरह का राजनीतिक चार्जशीट पेश किया।

विधायक ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा दिखाया जा रहा विकास का चित्र महज प्रचार तक सीमित है, जिसका जमीनी हकीकत से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि गांवों की सड़कें, पेयजल व्यवस्था, स्वास्थ्य सेवाएं और रोजगार की स्थिति स्वयं सरकार के विकास दावों की पोल खोल देती है। आज आम लोग पूछ रहे हैं कि सरकारी योजनाओं का पैसा आखिर गया कहां।

सुदीप्त मुखोपाध्याय के अनुसार, बाघमुंडी ब्लॉक के कई गांवों में अब भी शुद्ध पेयजल की व्यवस्था अनिश्चित बनी हुई है। कई इलाकों में स्वास्थ्य केंद्र तो हैं, लेकिन डॉक्टर नहीं हैं। शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि स्कूल भवन तो बने हैं, पर शिक्षकों की भारी कमी है। विधायक का आरोप है कि योजनाओं के लिए राशि तो आवंटित हुई, लेकिन कहीं काम शुरू ही नहीं हुआ और कहीं नाममात्र का काम दिखाकर भुगतान निकाल लिया गया।

भाजपा विधायक ने यह भी आरोप लगाया कि तृणमूल सरकार विकास के नाम पर जनता की गरिमा के साथ राजनीति कर रही है। केंद्र सरकार की योजनाओं के शिलापट्ट तोड़कर राज्य सरकार का नाम लगाया गया, जबकि असली लाभार्थी जानते हैं कि उन्हें क्या मिला और क्या नहीं। उन्होंने कहा कि यह चार्जशीट किसी राजनीतिक नाटक का हिस्सा नहीं, बल्कि आम लोगों के अनुभवों का दस्तावेज है।

विधायक के आरोपों के केंद्र में भ्रष्टाचार और स्वजनपोषण भी रहा। उन्होंने दावा किया कि प्रशासन का एक हिस्सा सत्तारूढ़ दल के कैडर की तरह काम कर रहा है। आम नागरिक सेवा मांगने जाए तो दरवाजे बंद मिलते हैं, जबकि दलगत पहचान होने पर काम आसान हो जाता है। उन्होंने इस स्थिति को लोकतंत्र के लिए खतरनाक बताया।

हालांकि तृणमूल कांग्रेस ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। पार्टी के एक स्थानीय नेता ने कहा कि राज्य सरकार ने ग्रामीण विकास के लिए अनेक योजनाएं लागू की हैं और सड़क, बिजली व स्वास्थ्य सेवाओं में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि जनसमर्थन न मिलने के कारण भाजपा उद्देश्यप्रणोदित तरीके से दुष्प्रचार कर रही है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आगामी चुनावी माहौल में इस तरह के पलटवार से राजनीतिक सरगर्मी और बढ़ेगी। तृणमूल के विकास अभियान के मुकाबले भाजपा की आक्रामक रणनीति का संकेत बाघमुंडी से साफ दिखाई दे रहा है। विकास बनाम भ्रष्टाचार की यह लड़ाई अंततः मतपेटी पर कितना असर डालेगी, इस पर सभी की नजरें टिकी हैं।

एक बात स्पष्ट है कि राजनीति के मैदान में विकास की परिभाषा को लेकर संघर्ष और तीखा होता जा रहा है, और इस संघर्ष का नया अध्याय पुरुलिया के बाघमुंडी से शुरू हो चुका है।

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हिन्दुस्थान समाचार / अभिमन्यु गुप्ता