शेख शाहजहां के करीबी पर बीएलओ को धमकाने का आरोप, संदेशखाली से तृणमूल कार्यकर्ता गिरफ्तार

कोलकाता, 29 दिसंबर (हि.स.)। उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली इलाके में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान एक बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) को धमकाने का मामला सामने आया है। पुलिस ने तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता जामिरुल इस्लाम को गिरफ्तार किया है। जामिरुल इस्लाम को पार्टी के पूर्व नेता शेख शाहजहां का करीबी बताया जा रहा है।

सोमवार को पुलिस की ओर से जारी बयान के अनुसार, घटना संदेशखाली-1 ब्लॉक के बयरामारी गांव की है। आरोप है कि जामिरुल इस्लाम ने बीएलओ दीपक महतो को जान से मारने की धमकी दी और उनका घर गिरा देने की बात कही। आरोप है कि इस धमकी का मकसद बीएलओ पर दबाव बनाकर अपने अनुसार काम कराने का था।

सोशल मीडिया पर एक ऑडियो क्लिप भी वायरल हुई है, जिसमें कथित तौर पर धमकी की आवाज रिकॉर्ड है। हालांकि, इस ऑडियो की सत्यता की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है। दीपक महतो ने इस पूरे मामले की शिकायत संदेशखाली-1 ब्लॉक के बीडीओ से की थी, जिसके बाद नजात थाने की पुलिस ने कार्रवाई करते हुए जामिरुल इस्लाम को गिरफ्तार किया।

पुलिस और स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, विवाद की जड़ मतदाता सूची के एसआईआर फॉर्म में हुई गलती है। गांव के तीन निवासी सलाउद्दीन गाजी, मुच्छा गाजी और इशाक गाजी ने फॉर्म भरते समय 2002 की मतदाता सूची से अपने लिंक को लेकर गलत जानकारी दर्ज कर दी थी। बीएलओ दीपक महतो ने गलती को पेन से चिन्हित किया और नए फॉर्म भरने को कहा था।

तीनों ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि बीएलओ उन्हें बांग्लादेशी घुसपैठिया बताने की कोशिश कर रहे थे। इसके बाद उन्होंने जामिरुल इस्लाम से शिकायत की, जिसके बाद कथित तौर पर बीएलओ को धमकाया गया।

बीएलओ दीपक महतो ने सभी आरोपों को खारिज किया है। उनका कहना है कि फॉर्म में तकनीकी गलती थी, इसलिए नए फॉर्म उपलब्ध कराए गए। वे खुद ग्रामीणों के घर गए और दोबारा फॉर्म भरने की सलाह दी। इसके बाद कुछ लोग नाराज हो गए और स्थानीय सत्ताधारी दल के नेताओं को सूचना दी, जिसके बाद धमकियां मिलनी शुरू हुईं।

इस मामले पर तृणमूल कांग्रेस के बसीरहाट संगठनात्मक जिले के सचिव बुलबुल रहमान ने कहा कि उन्हें घटना की पूरी जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ बीएलओ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इशारे पर काम कर रहे हैं और मतदाता अधिकार छीनने की कोशिश हो सकती है। उनका कहना है कि गिरफ्तारी का मतलब दोष सिद्ध होना नहीं होता और पुलिस को निष्पक्ष जांच करनी चाहिए।

वहीं, स्थानीय भाजपा नेता पलाश सरकार ने आरोप लगाया कि यह कोई अकेली घटना नहीं है। उन्होंने कहा कि कई इलाकों में तृणमूल के लोग बीएलओ पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उनका दावा है कि सत्ताधारी दल को एसआईआर से नुकसान का डर है, इसलिए प्रक्रिया को बाधित किया जा रहा है। उन्होंने चुनाव आयोग से सख्त कदम उठाने की मांग की है।

फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है और सभी पक्षों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। -------------------------

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर