बांग्लादेश में हालात पर चिंता, कट्टरपंथियों के हाथ में दिख रही स्थिति : समिक भट्टाचार्य

कोलकाता, 19 दिसंबर (हि. स.)। पश्चिम बंगाल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद समिक भट्टाचार्य ने शुक्रवार को पड़ोसी देश बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि वहां हालिया घटनाक्रम के पीछे कट्टरपंथी और उग्रवादी ताकतें सक्रिय हैं और फिलहाल वे ही हालात को नियंत्रित करती हुई प्रतीत हो रही हैं।

कोलकाता में आयोजित एक प्रेस वार्ता में बांग्लादेश की स्थिति पर पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए भट्टाचार्य ने कहा कि केंद्र सरकार और विदेश मंत्रालय पूरे घटनाक्रम पर करीबी नजर बनाए हुए हैं और स्थिति से निपटने के लिए उपयुक्त कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने भरोसा जताया कि भारत सरकार समयानुकूल और जिम्मेदारीपूर्ण प्रतिक्रिया देगी।

भट्टाचार्य ने कहा कि बांग्लादेश में कट्टरवाद और उग्रवाद कैंसर की तरह फैल रहा है। सभी समझदार और लोकतांत्रिक सोच रखने वाले लोगों को एकजुट होकर इस खतरे का मुकाबला करना होगा।

उन्होंने दावा किया कि 1980 के दशक से ही बांग्लादेश में कट्टरपंथी शक्तियां धीरे-धीरे अपनी जड़ें मजबूत कर रही हैं और अब स्थिति नियंत्रण से बाहर होती जा रही है।

उन्होंने कहा कि वहां उदार और स्वतंत्र विचारधारा रखने वाले लोग भी हमलों का शिकार हो रहे हैं, जैसा कि हालिया घटनाओं में देखने को मिला। भट्टाचार्य ने इसे वैश्विक समस्या बताते हुए कहा कि पूरी दुनिया आज उग्रवाद की चुनौती झेल रही है और एक राष्ट्रवादी सरकार व मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति ही ऐसी चुनौतियों से निपट सकती है।

उल्लेखनीय है कि गुरुवार को बांग्लादेश में उस समय तनाव फैल गया, जब जुलाई आंदोलन के प्रमुख नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत की खबर सामने आई। उनकी मृत्यु के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन, हिंसा और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं। जिनमें चटगांव स्थित भारतीय सहायक उच्चायुक्त के आवास पर पथराव की घटना भी शामिल है।

हालांकि, शुक्रवार सुबह किसी नई हिंसा की सूचना नहीं मिली, लेकिन प्रदर्शनकारियों को ढाका के धनमंडी इलाके में स्थित बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान के आवास (32 धनमंडी) के पहले से ध्वस्त ढांचे में तोड़फोड़ करते देखा गया।

इंकलाब मंच के नेता शरीफ उस्मान हादी आगामी 12 फरवरी को प्रस्तावित आम चुनावों के उम्मीदवार थे। वह पिछले छह दिनों से सिंगापुर के एक अस्पताल में जीवन के लिए संघर्ष कर रहे थे, जहां इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। उनका पार्थिव शरीर बाद में बांग्लादेश लाए जाने की बात कही गई है।

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हिन्दुस्थान समाचार / अभिमन्यु गुप्ता