बेनापोल में भारतीय ट्रक चालकों की सुरक्षा पर बैठक, बांग्लादेश प्रशासन ने खतरे से इनकार किया

कोलकाता, 20 दिसंबर (हि. स.)। भारत और बांग्लादेश के बीच बढ़े तनाव और हिंसा की घटनाओं के बीच पेट्रापोल भूमि बंदरगाह पर कस्टम्स क्लीयरिंग एजेंटों ने शनिवार को बैठक कर बेनापोल में फंसे भारतीय ट्रक चालकों की सुरक्षा की समीक्षा की। बैठक के बाद एजेंटों ने दावा किया कि बांग्लादेश प्रशासन ने स्पष्ट रूप से आश्वासन दिया है कि बेनापोल में भारतीय ट्रक चालकों को किसी तरह का खतरा नहीं है।

पेट्रापोल स्थित क्लीयरिंग एंड फॉरवर्डिंग एजेंट्स स्टाफ वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव कार्तिक चक्रवर्ती ने बताया कि पेट्रापोल और बांग्लादेश के बेनापोल के कस्टम्स क्लीयरिंग एजेंट संगठनों की संयुक्त बैठक बांग्लादेशी अधिकारियों के साथ हुई। बैठक में मुख्य रूप से ड्राइवरों की सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की गई।

उन्होंने बताया कि किसी भी समय औसतन 70 से 100 भारतीय ट्रक बेनापोल में खड़े रहते हैं। निर्यात माल की अनलोडिंग में देरी के कारण ट्रक चालकों को आमतौर पर तीन से चार दिनों तक वहीं रुकना पड़ता है। इस दौरान, खासकर पश्चिम बंगाल के बाहर के राज्यों से आए ड्राइवरों में चिंता बनी रहती है।

कार्तिक चक्रवर्ती ने कहा कि हालिया घटनाक्रम और बांग्लादेश में सामने आई कुछ घटनाओं को लेकर चिंता जरूर है, लेकिन बेनापोल प्रशासन ने भरोसा दिलाया है कि इसका असर बंदरगाह क्षेत्र पर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि बांग्लादेशी अधिकारियों ने साफ तौर पर कहा है कि न तो व्यापार पर कोई खतरा है और न ही भारतीय ट्रक चालकों की सुरक्षा पर।

एहतियात के तौर पर ड्राइवरों को सख्त हिदायत दी गई है कि वे बेनापोल भूमि बंदरगाह परिसर से बाहर न निकलें। चक्रवर्ती ने बताया कि कई हिंदी भाषी ड्राइवर आमतौर पर पास के बाजारों में सब्जी और राशन खरीदने जाते हैं, क्योंकि वे खुद खाना बनाते हैं और अधिकतर शाकाहारी होते हैं। मौजूदा हालात को देखते हुए उन्हें बाहर न जाने की सलाह दी गई है।

इधर, भारत की ओर भी पश्चिम बंगाल सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है।

पेट्रापोल–बेनापोल भूमि बंदरगाह से व्यापारिक गतिविधियां फिलहाल बिना किसी बाधा के जारी हैं। यह भारत और बांग्लादेश के बीच सबसे व्यस्त भूमि सीमा मार्गों में से एक है। दोनों देशों के बीच होने वाले कुल जमीनी व्यापार का करीब 70 प्रतिशत हिस्सा इसी मार्ग से होता है। सालाना व्यापार का आंकड़ा 30 हजार करोड़ रुपये से अधिक बताया गया है।

गौरतलब है कि बांग्लादेश के विभिन्न हिस्सों में गुरुवार रात हिंसा और तोड़फोड़ की घटनाएं हुई थीं। चटगांव में सहायक भारतीय उच्चायुक्त के आवास पर पथराव, प्रमुख अखबारों के दफ्तरों पर हमले और बंगबंधु मेमोरियल संग्रहालय में तोड़फोड़ की खबरें सामने आई थीं। ये घटनाएं अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस द्वारा युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत की पुष्टि के बाद हुईं। इसके बाद अंतरिम सरकार ने नागरिकों से हिंसा फैलाने वाले असामाजिक तत्वों का विरोध करने की अपील की है।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर