तृणमूल पर फर्जी मतदाता जोड़ने का आरोप, 2026 चुनाव पर भी बयान— समिक भट्टाचार्य
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- Nov 28, 2025
कोलकाता, 28 नवंबर (हि. स.)। पश्चिम बंगाल भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष तथा राज्यसभा सांसद समिक भट्टाचार्य ने शुक्रवार को साल्ट लेक स्थित पार्टी कार्यालय में प्रेस को संबोधित करते हुए राज्य में बनी प्रशासनिक अव्यवस्था, विशेष मतदाता पुनरीक्षण प्रक्रिया में कथित गड़बड़ियों तथा बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) पर दबाव को गंभीर चिंता का विषय बताया।
अपने वक्तव्य की शुरुआत में उन्होंने प्रश्न किया कि “मुर्शिदाबाद के लोग अब तक अपने घर क्यों नहीं लौट पा रहे? पांच पीढ़ी पहले बिहार से आए परिवार आज राज्य छोड़ने पर मजबूर क्यों हैं?” उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस एक ओर यह कहती है कि वह पश्चिम बंगाल में विशेष मतदाता पुनरीक्षण लागू नहीं होने देगी, जबकि दूसरी ओर वही बीएलओ को अपने नियंत्रण में ले रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस और साइबर प्रकोष्ठ का उपयोग कर नागरिकता संशोधन अधिनियम के बारे में भ्रम फैलाया जा रहा है, तथा बीएलओ पर मृत और प्रवासी मतदाताओं के नाम अपलोड करने का दबाव डाला जा रहा है। इससे सरकारी कर्मचारियों को जेल और सेवा समाप्ति जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है।
उन्होंने दावा किया कि एक व्यक्ति जिसने अपने तीन बच्चों का नाम दर्ज कराया था, अब उसके 13 बच्चे दिखाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीएलओ पर यह तक दबाव है कि वे अब से मृत और स्थानांतरित मतदाताओं के नाम अपलोड करें।
भारतीय जनता पार्टी अगले सप्ताह इन सभी शिकायतों सहित निर्वाचन आयोग से मुलाकात करेगी। भट्टाचार्य ने कहा कि भय के माहौल में विशेष मतदाता पुनरीक्षण कराया जा रहा है, फिर भी जनता ने इसे सफल बनाने में सहयोग दिया है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बंगाल की बांग्लादेश से लगने वाली 2200 किमी लंबी सीमा बेहद संवेदनशील है और पिछली सरकारों ने राज्य में घुसपैठ को बढ़ावा दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस प्रशासन एक नाटक रच रहा है जिसमें कुछ लोग स्वयं को बांग्लादेशी बताकर वापस जाने की इच्छा जता रहे हैं, जबकि राज्य सरकार यह स्पष्ट नहीं कर रही कि ये लोग वास्तव में कौन हैं—यह एक गंभीर आंतरिक सुरक्षा मुद्दा है।
उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव ने बीएलओ की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया था, परंतु राज्य प्रशासन इसमें विफल रहा। ज़िला निर्वाचन अधिकारी भी सरकार के दबाव में असहाय हैं। उन्होंने कहा कि चाहे विशेष पुनरीक्षण रोका जाए, चाहे प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो के कार्यालय बंद हों या 2025 की मतदाता सूची से चुनाव कराया जाए—तृणमूल कांग्रेस 2026 का चुनाव हार जाएगी।
उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस में अपने ही कार्यकर्ताओं की हत्या हो रही है। हावड़ा के तपन दत्ता हत्याकांड का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि इस मामले के आरोपित बाबू मंडल की हत्या भी तृणमूल कांग्रेस के लोगों ने कर दी, जिससे राज्य में अराजकता का माहौल है। उन्होंने यह भी कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को बीएलओ बनाया गया है और उन पर गलत विवरण भरने का दबाव है, जिसका परिणाम उन्हें भविष्य में भुगतना पड़ सकता है।
भट्टाचार्य ने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के साथ हुई अभद्रता को लेकर भी सवाल उठाए और पूछा कि जो महिलाएं आयोग का घेराव कर रही थीं, क्या वे वास्तव में स्कूल शिक्षिकायें, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता या सरकारी कर्मचारी थीं, या फिर तृणमूल कांग्रेस की कार्यकर्ता?
उन्होंने बताया कि भारतीय जनता पार्टी ने विशेष मतदाता पुनरीक्षण प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी निभाई और 13.25 लाख फर्जी मतदाताओं की सूची आयोग को सौंपी है।
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में कुछ लोग बाबरी मस्जिद बनाने की बात कर रहे हैं, परंतु मुख्यमंत्री ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, जिससे यह उनकी मौन सहमति मानी जा सकती है।उन्होंने यह भी कहा कि क्या बुद्धिजीवियों ने कभी पूछा कि बांग्लादेश में हिंदुओं की हत्यायें क्यों होती हैं, महिलाओं का धर्म परिवर्तन क्यों कराया जाता है, मंदिर क्यों तोड़े जाते हैं? इसी मॉडल को बंगाल में लागू करने की कोशिश हो रही है—मुर्शिदाबाद और तृणमूल छात्र परिषद के नेता द्वारा रवीन्द्रनाथ ठाकुर की तस्वीर जलाना इसका प्रमाण है।
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हिन्दुस्थान समाचार / अभिमन्यु गुप्ता



