अरावली पर एफएसआई ने नहीं कराया सर्वे, झूठ फैला रहे कांग्रेस नेताः भूपेन्द्र यादव
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- Dec 25, 2025
नई दिल्ली, 25 दिसंबर (हि.स.)। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने गुरुवार को उन दावों का खंडन किया जिसमें भारतीय वन सर्वेक्षण विभाग (एफएसआई) के हवाले से कहा गया था कि अरावली पर्वत शृंखला का 90 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र 100 मीटर से कम उंचाई का है। यादव ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश के इस संबंध में केंद्र सरकार पर लगाए आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि भाजपा कांग्रेस के नेताओं को अरावली पर्वतमाला को फिर से लूटने नहीं देगी।
पूर्व केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने कथित सर्वे का हवाला देते हुए दावा किया था कि नई परिभाषा के तहत अरावली का 90 प्रतिशत से अधिक हिस्सा अब सरंक्षित नहीं होगा और यह खनन, रियल एस्टेट और अन्य गतिविधियों के लिए खोला जा सकता है।
भूपेंद्र यादव ने इसका खंडन करते हुए कहा कि एफएसआई ने कोई इस तरह का सर्वे कराया ही नहीं है। उन्होंने मामले में राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को घसीटा और कहा कि उनकी पार्टी कांग्रेस को अरावली पर्वतमाला को लूटने नहीं देगी। यादव ने कहा कि एफएसआई के स्पष्ट खंडन के बावजूद कांग्रेस नेता झूठ फैला रहे हैं। अगर वाकई में जयराम रमेश पर्यावरणविद् हैं तो उन्हें अपने पार्टी के सहयोगी अशोक गहलोत से पूछना चाहिए कि अरावली पर्वतमाला को किसने नष्ट किया। उन्होंने कहा कि वह और उनके सहयोगी इसलिए घबराए हुए हैं क्योंकि गुजरात से दिल्ली तक अरावली पर्वतमाला में खनन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है।
एक दिन पहले, बुधवार को केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने दिल्ली से गुजरात तक फैली संपूर्ण अरावली पर्वतमाला के अवैध खनन को रोकने और इसके संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाये। केंद्र ने राज्य सरकारों को अरावली में किसी भी प्रकार के नए खनन पट्टे देने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के निर्देश जारी किए।
यह प्रतिबंध पूरे अरावली भूभाग पर समान रूप से लागू होता है और इसका उद्देश्य पर्वत शृंखला की अखंडता को संरक्षित करना है। इन निर्देशों का लक्ष्य गुजरात से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र तक फैली सतत भूवैज्ञानिक शृंखला के रूप में अरावली की रक्षा करना और सभी अनियमित खनन गतिविधियों को रोकना है।
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हिन्दुस्थान समाचार / अनूप शर्मा



