छात्रों में विज्ञान रुचि बढ़ाने को विष्णुपुर में भौतिकी शिविर

विष्णुपुर में आयोजित हाथों-हाथ भौतिकी कार्यशाला में प्रयोग करतेविष्णुपुर में आयोजित हाथों-हाथ भौतिकी कार्यशाला में प्रयोग करतेविष्णुपुर में आयोजित हाथों-हाथ भौतिकी कार्यशाला में प्रयोग करते

बांकुड़ा, 29 दिसंबर (हि. स.)। बांकुड़ा जिले के विष्णुपुर अंतर्गत राधानगर बोर्ड प्राथमिक विद्यालय में 27 से 29 दिसंबर 2025 तक कक्षा नौवीं-दसवीं के छात्र-छात्राओं के लिए तीन दिवसीय हाथों-हाथ भौतिकी कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में जिले के विभिन्न विद्यालयों के लगभग 30 छात्र-छात्राओं और 10 शिक्षक-शिक्षिकाओं ने भाग लिया।

कार्यशाला में राधानगर उच्च विद्यालय, पांचाल उच्च विद्यालय, विष्णुपुर उच्च विद्यालय, मालियाड़ा उच्च विद्यालय, पांचाल बालिका उच्च विद्यालय सहित बांकुड़ा जिले के कई विद्यालयों के विद्यार्थी एवं शिक्षक उपस्थित रहे।

प्रशिक्षक के रूप में आईएपीटी–मेदिनीपुर कॉलेज सेंटर फॉर साइंटिफिक कल्चर की ओर से मेदिनीपुर कॉलेज के पूर्व प्राध्यापक डॉ. सुभाष चंद्र सामंत, रमानंद कॉलेज के भौतिकी विभाग के डॉ. मृत्युंजय घोष तथा मेदिनीपुर कॉलेज (स्वायत्त) के भौतिकी विभाग के डॉ. माखनलाल नंद गोस्वामी उपस्थित रहे।

डॉ. सुभाष चंद्र सामंत ने कहा कि इस तीन दिवसीय कार्यशाला में कक्षा नौवीं-दसवीं के पाठ्यक्रम से जुड़े भौतिकी के विभिन्न विषयों को काफी साधारण उपकरणों की मदद से हाथों-हाथ सिखाया गया। साथ ही संबंधित गणितीय प्रश्नों का भी अभ्यास कराया गया।

उन्होंने कहा कि कम लागत वाले प्रयोगों के माध्यम से छठी कक्षा से लेकर पीएचडी तक के विद्यार्थी सीखने के नए आयाम खोज सकते हैं। भविष्य में उच्च माध्यमिक स्तर की भौतिकी को भी इसी तरह प्रयोग आधारित तरीके से पढ़ाने की योजना है।

जीवन शिक्षा परिषद के अध्यक्ष सौम्य सेनगुप्ता ने बताया कि कार्यशाला में न्यूटन के नियम, सरल दोलन गति, प्रकाशिकी जैसे विषयों को समझने के साथ-साथ उनसे जुड़े विभिन्न गणितीय राशियों की गणना सिखाई गई। विद्यार्थियों ने स्लाइड कैलिपर्स, वर्नियर स्केल और मल्टीमीटर जैसे उपकरणों का प्रयोग कर सूक्ष्म मापन भी सीखा।

मानिक लाल सिंह स्मृति माध्यमिक विद्यालय की भौतिकी शिक्षिका रेखा झारिमुण्या ने कहा कि इस कार्यशाला से न केवल छात्र-छात्राएं, बल्कि शिक्षक-शिक्षिकाएं भी बहुत कुछ सीख पाए।

कार्यशाला में भाग लेने वाले पांचाल के छात्र सोहम धल्ल और सुचिस्मिता चक्रवर्ती ने कहा कि वे चाहते हैं कि इस तरह की कार्यशालाएं और अधिक आयोजित हों, ताकि वे अपने विद्यालयों में भी इन प्रयोगों को करके साथियों को दिखा।

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हिन्दुस्थान समाचार / अभिमन्यु गुप्ता