मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने चाय जनजाति और आदिवासी समुदाय के 215 युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे
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- Dec 25, 2025
गुवाहाटी, 24 दिसंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने आज गुवाहाटी के श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में आयोजित एक समारोह में स्वास्थ्य क्षेत्र के तकनीकी एवं गैर-तकनीकी पदों के लिए चाय जनजाति और आदिवासी समुदाय के 215 चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में पहली बार चाय जनजाति और आदिवासी समुदाय के लोगों को बड़े पैमाने पर सामाजिक न्याय मिला है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इन नियुक्तियों में चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान निदेशालय के अंतर्गत 88 तकनीकी और 28 गैर-तकनीकी पद, स्वास्थ्य सेवा निदेशालय के अंतर्गत 56 तकनीकी पद तथा स्वास्थ्य सेवा निदेशालय (परिवार कल्याण) के अंतर्गत 43 तकनीकी पद शामिल हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा ग्रेड-III और ग्रेड-IV पदों में चाय जनजाति और आदिवासी समुदाय के लिए तीन प्रतिशत आरक्षण लागू करने का निर्णय लिया गया था, जिस पर प्रारंभ में संदेह जताए गए थे, लेकिन सरकार ने सभी शंकाओं को दूर करते हुए इसे सफलतापूर्वक लागू किया है।
मुख्यमंत्री ने विभिन्न भर्ती परीक्षाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार ने प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती, स्वास्थ्य क्षेत्र के तकनीकी पदों तथा असम डायरेक्ट रिक्रूटमेंट परीक्षा (एडीआरई) के माध्यम से ग्रेड-III और ग्रेड-IV पदों पर भर्ती सुनिश्चित की है। उन्होंने याद दिलाया कि विधानसभा चुनाव के दौरान सरकार ने एक लाख सरकारी नौकरियां देने का वादा किया था, लेकिन अब तक 1,45,449 युवाओं को रोजगार दिया जा चुका है। आज 215 नई नियुक्तियों के साथ यह संख्या 1,45,664 हो गई है। आने वाले महीने के पहले चरण में एडीआरई के माध्यम से और नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे, जिससे यह आंकड़ा लगभग 1,60,000 तक पहुंच जाएगा।
डॉ. सरमा ने बताया कि तीन प्रतिशत आरक्षण के तहत इस वर्ष अब तक 720 अभ्यर्थियों की नियुक्ति हो चुकी है, और एडीआरई के माध्यम से चयन के बाद यह संख्या 1,200 से 1,300 तक पहुंच जाएगी। उन्होंने घोषणा की कि यह तीन प्रतिशत आरक्षण अब ग्रेड-I और ग्रेड-II पदों तक भी विस्तारित किया जाएगा, जिससे मजिस्ट्रेट, पुलिस अधिकारी और कॉलेज-विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर जैसे उच्च पदों पर भी समुदाय के युवाओं की नियुक्ति संभव होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चाय बागान क्षेत्रों में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 120 मॉडल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय स्थापित किए जा चुके हैं और जनवरी से 100 और विद्यालयों का कार्य शुरू होगा। चिकित्सा शिक्षा में चाय जनजाति के छात्रों के लिए 30 एमबीबीएस सीटें आरक्षित की गई हैं तथा हाल ही में प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में एक अतिरिक्त सीट की घोषणा से 14 और सीटें बढ़ाई गई हैं। उन्होंने बताया कि राज्यभर में समुदाय के छात्रों के लिए 44 छात्रावास बनाए गए हैं और शहीद दयाल दास पनिक्का स्वरोजगार योजना के तहत वित्तीय सहायता भी दी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और 72 देशों के राजदूतों की उपस्थिति में झुमोइर नृत्य के प्रदर्शन का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे चाय जनजाति समुदाय की समृद्ध संस्कृति वैश्विक मंच पर पहुंची है। उन्होंने विधानसभा के हालिया सत्र में चाय बागान निवासियों को गार्डन लाइन की भूमि पर अधिकार देने के ऐतिहासिक निर्णय का भी उल्लेख किया।
डॉ. सरमा ने कहा कि यदि अगले 10 वर्षों तक चाय बागान क्षेत्रों में हो रहे सकारात्मक बदलाव जारी रहे, तो यह समुदाय राज्य के अन्य विकसित समुदायों के समान प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम होगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकारी नौकरियों में तीन प्रतिशत आरक्षण की गणना कुल रिक्त पदों के आधार पर की जाएगी, न कि अन्य पिछड़ा वर्ग के कोटे से समायोजित करके। मुख्यमंत्री ने नवनियुक्त अभ्यर्थियों से आग्रह किया कि वे विशेष रूप से चाय बागान क्षेत्रों के अस्पतालों में सेवाएं देते हुए अपने समुदाय, परिवार और समाज के प्रति जिम्मेदारी निभाएं।
इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अशोक सिंघल, चाय जनजाति एवं आदिवासी कल्याण मंत्री रूपेश गोवाला, विधायक संजय किसान और रूपज्योति कुर्मी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश



