प्रभावी शिकायत निवारण तंत्र लोकतांत्रिक शासन की आत्मा- मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा

जयपुर, 25 दिसम्बर(हि.स.)। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गुरुवार को शासन सचिवालय में भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती ‘सुशासन दिवस’ के अवसर पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सुशासन की शपथ दिलाई।

शर्मा ने कहा कि वाजपेयी का जीवन और दर्शन हमें सिखाता है कि शासन और प्रशासन का ध्येय जनसेवा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह आयोजन हमारे राज्य के पारदर्शी, जवाबदेह और नागरिक-केंद्रित प्रशासन का प्रतीक है। सुशासन एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है, जिसके केन्द्र में योजनाओं की सफल क्रियान्विति से अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति को लाभान्वित करना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मानना है कि सरकार का अभाव और दबाव दोनों ही नहीं होने चाहिए। इसी मंत्र के साथ राज्य सरकार कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि सुशासन तभी संभव है जब नियम स्पष्ट हों, अधिकारी संवेदनशील हों और सरकार उत्तरदायी बने। उन्होंने कहा कि सुशासन ऐसी व्यवस्था है जहां जनता की जरूरतों को समझकर उनको समयबद्ध और प्रभावी सेवाएं प्रदान की जाएं। सुशासन का आधार विश्वास, संवाद और परिणाम के तीन स्तंभों पर टिका है।

शर्मा ने कहा कि सुशासन का उद्देश्य तभी पूरा होगा जब किसान, श्रमिक, महिला, युवा और वंचित सहित सभी वर्ग अनुभव करें कि सरकार उनके साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सेवा वितरण को सरल और पारदर्शी बनाने की दिशा में ग्रामीण एवं शहरी सेवा शिविरों का आयोजन कर लोगों की समस्याओं का निस्तारण कर रही है। इनके माध्यम से अब तक 1 करोड़ से अधिक लोग लाभान्वित हो चुके हैं। साथ ही, राजस्थान लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम के तहत विगत 2 वर्षों में 3 करोड़ 23 लाख से अधिक आवेदनों का सफलतापूर्वक निस्तारण किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ई-गवर्नेंस पारदर्शिता का सबसे बड़ा माध्यम है। ई-पोर्टल्स, एसएसओ पोर्टल और मोबाइल आधारित सुविधाओं ने नागरिकों के समय, धन और ऊर्जा की बचत की है जिससे नागरिकों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने से मुक्ति मिली है। उन्होंने कहा कि प्रभावी शिकायत निवारण तंत्र लोकतांत्रिक शासन की आत्मा होती है। प्रदेश में राजस्थान संपर्क पोर्टल, त्रिस्तरीय जनसुनवाई और मुख्यमंत्री जनसुनवाई के माध्यम से लोगों की समस्याओं की प्रभावी सुनवाई कर उनका समयबद्ध निस्तारण किया जा रहा है। विगत 2 वर्षों में हमने 65 लाख से अधिक जन-शिकायतों का निस्तारण किया है।

मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से आह्वान करते हुए कहा कि तकनीक और संवेदनशीलता से राजस्थान को सुशासन के मामले में देश का सिरमौर बनाएं। ऐसे राजस्थान का निर्माण करें जहां विकास सर्वस्पर्शी हो। श्री शर्मा ने कहा कि शासन सचिवालय के माध्यम से करोड़ों राजस्थानियों की आकांक्षाओं को पूरा करने का प्रयास किया जाता है। ये चूना-पत्थर से बनी इमारत नहीं है, बल्कि जनता की आशा और विश्वास है। हमारा कर्तव्य है कि यहां हर व्यक्ति को समस्या का त्वरित और बेहतर समाधान मिले। उन्होंने कहा कि अधिकारियों और कर्मचारियों की निष्ठा और समर्पण के साथ सेवा ही विकसित राजस्थान-2047 का मार्ग प्रशस्त करेगी।

मुख्य सचिव वी. श्रीनिवास ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मानना है कि भारत बदल रहा है और तेजी से बदल रहा है। आमजन का सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं में विश्वास दृढ़ हुआ है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार के दो वर्ष पूर्ण होने पर नव उत्थान-नई पहचान, बढ़ता राजस्थान-हमारा राजस्थान के माध्यम से सुशासन को मनाया जा रहा है। 200 विकास रथों के जरिए सभी ग्राम पंचायत, पंचायत समिति, नगरीय निकायों में विकसित राजस्थान की यात्रा को पहुंचाया जा रहा है।

इस दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव जल संसाधन अभय कुमार सहित विभिन्न विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख शासन सचिव, शासन सचिव और अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम से वीसी के जरिए जिला, उपखंड एवं ग्राम पंचायत के अधिकारी एवं कार्मिक भी जुड़े।

इससे पहले मुख्यमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी को मुख्यमंत्री निवास पर पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया।

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हिन्दुस्थान समाचार / अखिल