मुख्यमंत्री ने होटलों से मिस्ट स्प्रे सिस्टम लगाने का किया आग्रह

नई दिल्ली, 10 दिसंबर (हि.स.)। दिल्ली के वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने की दिशा में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने होटल और रेस्तरां संचालकों से अपनी इमारतों की छतों पर मिस्ट स्प्रे सिस्टम लगाने का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रणाली प्रदूषण को प्रभावी रूप से कम करने के साथ-साथ पानी की खपत घटाने में भी सहायक होगी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि होटल और रेस्तरां जैसे बड़े प्रतिष्ठान यदि मिस्ट स्प्रे जैसी आधुनिक तकनीक अपनाते हैं, तो सरकार उनकी पूरी मदद करेगी।

मुख्यमंत्री ने यह आग्रह बुधवार को ‘विकसित दिल्ली-विकसित पर्यटन एवं आतिथ्य’ शिखर सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर व्यक्त किए। यह सम्मेलन होटल एवं रेस्तरां उद्योग से जुड़े संगठनों द्वारा आयोजित किया गया था। उन्होंने कहा कि बढ़ते प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार निरंतर प्रभावी कदम उठा रही है और अब निजी क्षेत्र की सहभागिता भी आवश्यक हो गई है। उन्होंने कहा कि होटल और रेस्तरां जैसे बड़े प्रतिष्ठान यदि मिस्ट फॉगिंग जैसी आधुनिक तकनीक अपनाते हैं, तो राजधानी की वायु गुणवत्ता में सुधार लाने में महत्वपूर्ण सहयोग मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली के कुछ प्रमुख इलाकों में मिस्ट स्प्रे का प्रयोग पहले ही शुरू किया जा चुका है तथा इसे अन्य क्षेत्रों में भी विस्तार देने की योजना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमेटी के प्रदूषण नियंत्रण के नियमों में हर ऊंची इमारत पर एंटी स्मॉग गन लगाना अनिवार्य किया गया है। लेकिन शिकायतें आ रही है कि यह गन महंगी है, बहुत भारी है, ज्यादा जगह घेरती है और पानी की भी बहुत अधिक खपत करती है। हमारी सरकार भी चाहती है कि बड़ी इमारतों पर मिस्ट स्प्रे सिस्टम लगाया जाए, इसका एक अन्य लाभ यह भी है कि यह सभी दिशाओं में प्रदूषण के खिलाफ कार्य करता है, साथ ही इससे निकले पानी का स्प्रे पौधों-पेड़ों के अलावा पर्यावरण के लिए भी अनुकूल माना गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार प्रदूषण नियंत्रण के लिए डीपीसीसी के नियमों में भी बदलाव करेगी ताकि ऊंची इमारतों वालों पर ज्यादा आर्थिक बोझ न पड़े, साथ ही दिल्ली में प्रदूषण पर भी प्रभावी रोक लगे।

मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन ‘इज ऑफ़ डूइंग बिजनेस’ को बढ़ावा देने के लिए लगातार गंभीर सुधार लागू कर रही है। इसमें पुलिस लाइसेंसिंग की अनिवार्यता समाप्त कर उद्योग जगत को बड़ी राहत प्रदान की गई है। इसके साथ ही फायर लाइसेंसिंग प्रक्रिया में सुधार करते हुए लंबित आवेदनों को तेजी से निपटाने के लिए थर्ड-पार्टी ऑडिट की व्यवस्था लागू की गई है। कई विभागों की मल्टीपल लाइसेंसिंग प्रणाली को सरल बनाने का काम भी तेज गति से जारी है। सरकार का उद्देश्य है कि सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से होटल और रेस्टोरेंट उद्योग को सरल, पारदर्शी और त्वरित प्रक्रिया प्रदान की जाए। यह शिखर सम्मेलन दिल्ली को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर अग्रणी स्थान दिलाने, आतिथ्य उद्योग को नई शक्ति देने और निवेश को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण मंच है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सम्मेलन दिल्ली की उस नई यात्रा का प्रतीक है जिसमें राजधानी को “इंटरनेशनल टूरिज़्म और हॉस्पिटैलिटी कैपिटल” के रूप में विकसित करना प्रमुख लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि दिल्ली केवल भारत की राजधानी नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत, इतिहास, स्वाद और आधुनिकता का सबसे सुंदर संगम है। हमें इसे विश्व के सर्वोत्तम पर्यटन स्थलों की श्रेणी में लाना होगा।

होटल एवं रेस्तरां उद्योग ने मुख्यमंत्री की इस पहल का स्वागत करते हुए मिस्ट फॉगिंग तकनीक को अपनाने पर सहमति व्यक्त की है। होटल संघों के प्रतिनिधियों ने कहा कि वे पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सरकार के प्रयासों में सहभागी बनना चाहते हैं और अपने प्रतिष्ठानों पर इस प्रणाली को चरणबद्ध तरीके से लागू करेंगे। संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि यह तकनीक न केवल प्रदूषण कम करेगी बल्कि जल उपयोग में भी उल्लेखनीय कमी लाएगी, जिससे पर्यावरण संरक्षण को दोहरा लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने होटल उद्योग से अपील की कि वे प्रदूषण नियंत्रण को अपनी सामाजिक जिम्मेदारी मानें और दिल्ली को स्वच्छ, सुरक्षित और स्वस्थ राजधानी बनाने में सक्रिय भूमिका निभाएं।

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हिन्दुस्थान समाचार / धीरेन्द्र यादव