मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गिनाईं दो साल की उपलब्धियां, कहा-मप्र से खत्म किया नक्सलवाद

भोपाल, 12 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डाॅ. मोहन यादव के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने 12 दिसंबर को अपने कार्यकाल के दो साल पूरे कर लिए। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को इस अवधि के प्रदेश सरकार की उपलब्धियों को बताया। इस दौरान उन्होंने प्रदेश के साथ जिला स्तर की उपलब्धियों की पुस्तक और ग्राउंड लेबल-सरकार की योजनाओं की पुस्तक का भी विमोचन किया ।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने शुक्रवार काे राजधानी भाेपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया को अपने कार्यकाल की उपलब्धियों की जानकारी दी। इस दाैरान उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, राजेन्द्र शुक्ला और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल माैजूद रहे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमने दो साल की समीक्षा की और आगामी तीन वर्ष के कार्यों का लक्ष्य तय किया है। हमने तय किया कि मंत्री विभागवार प्रेजेंटेशन दें। लॉ एंड ऑर्डर को लेकर सबसे बड़ी प्रॉब्लम थी। 35 साल पुरानी माओवाद की चुनौती से निपटने का केंद्रीय गृह मंत्री ने लक्ष्य तय किया। इसके बाद मंडला, बालाघाट, डिंडोरी लाल आतंक से मुक्त होते गए। उन्हाेंने कहा कि छत्तीसगढ़ से लगे मध्यप्रदेश के कई इलाके नक्सलवाद से प्रभावित रहे, जहां एक साथ 17-17 पुलिसकर्मियों की हत्या तक कर दी गई। यहां तक कि एक मंत्री को घर से निकालकर थाने के पास कुल्हाड़ी से हत्या कर दी गई थी। उस समय समानांतर थाने, समानांतर अदालत और समानांतर सत्ता चलने लगी थी। उन्होंने बताया कि जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस संबंध में डेडलाइन तय की, तब सभी को लगा कि यह संभव होगा भी या नहीं। लेकिन कई पुलिस अधिकारी स्वयं आगे आए और बालाघाट में ड्यूटी की मांग की, जिससे नक्सलवाद खत्म करने में बड़ी मदद मिली।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मंडला, बालाघाट और डिंडोरी में नक्सली समस्या खत्म करना प्रदेश के लिए एक बड़ा उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि “हमारे जवानों और आम नागरिकों ने इसकी बड़ी कीमत चुकाई है, मैं उन सभी को सलाम करता हूं।” साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अब जरूरत है कि व्यवस्था को इतना मजबूत बनाया जाए कि यह समस्या दोबारा सिर न उठा सके। नदी जोड़ो अभियान पर उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं से प्रदेश में सिंचाई का रकबा तेजी से बढ़ रहा है। परस्पर सौहार्द के तहत राजस्थान और मध्यप्रदेश दोनों राज्यों में पार्वती, कालीसिंध और चंबल नदी का पानी पहुंचने से बड़ी राहत मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उज्जैन की शिप्रा नदी में दो तरह की चुनौतियां थीं। पिछले सिंहस्थ में साधु-संतों ने गंभीर नदी के पानी से स्नान किया था। स्नान तो हुआ और सिंहस्थ संपन्न हुआ, लेकिन शिप्रा नदी का पानी उपलब्ध नहीं था। इस बार जल संसाधन विभाग ने व्यवस्था कर दी है कि सिंहस्थ में शिप्रा नदी के जल से स्नान हो सके। उन्होंने कहा पार्वती कालीसिंध चंबल, केन बेतवा और ताप्ती नदी जोड़ो परियोजनाएं नए युग की शुरुआत है। गंभीर और खान नदी को जोड़कर परियोजना बनाई है। ऊपर खेती होगी और नदी का टनल बनकर सिंचाई का कार्य कर रहे हैं। इसके लिए लगभग 800 करोड़ रुपए की योजना बनाई गई है। मध्यप्रदेश में एक राज्य के अंदर दो नदियों को जोड़ने का अभियान भी शुरू किया गया है। इसके तहत गंभीर और खान नदी को मिलाने के लिए टनल बनाकर नदी से नदी जोड़ने का काम किया गया है। ऊपर खेती होती है और नीचे नदी की धारा बहती है।

उन्होंने बताया कि 2025 उद्योग एवं रोजगार वर्ष के रूप में मनाया गया है। इस दौरान कई उद्योगपतियों ने कहा हम ग्वालियर, जबलपुर पहली बार आए। ऊर्जा विभाग में अभूतपूर्व काम हुआ है। पहली पीएम मित्र पार्क की सौगात सबसे पहले हमें मिली। 55 पीएम एक्सीलेंस कॉलेज, मेडिकल कॉलेज की श्रृंखला मप्र में बनी। मिल मजदूरों को भुगतान कराया। भोपाल की पहचान अब GIS भोपाल की हो गई है। हर पर्यटन और धार्मिक क्षेत्र के लिए हेलीकॉप्टर सेवा, टूरिज्म के क्षेत्र में अभूतपूर्व काम हुआ।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इंदौर की हुकुम चंद मिल का जिक्र करते हुए कहा कि 300 से 400 करोड़ के बकाया में उलझी मिल का निराकरण होने के बाद अब 70 से 80 हजार करोड़ का प्रोजेक्ट यहां लगने वाला है। उन्होंने कहा कि भोपाल गैस त्रासदी के कचरे का निष्पादन करने का काम उनकी सरकार ने किया है। उन्होंने बताया कि सबसे सस्ती बिजली हमारे यहां मिल रही है। बीहड़ में सोलर की परिकल्पना, सायबर तहसील सेवा, चित्रकूट, ओरछा का कायाकल्प, हर साल जलगंगा अभियान, गौ संरक्षण के क्षेत्र में अभूतपूर्व काम हुआ। दूध उत्पादन 9 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का लक्ष्य, गौमाता के लिए राशि बढ़ाकर 40 रुपए की गई। मध्य प्रदेश साइंस सिटी, रिसर्च सिटी बनेगा और यहां ई बस चलेंगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / नेहा पांडे