नगर निगम के विभिन्न जोनल कमेटी के अध्यक्षों ने बजट के लिए दिए प्रस्ताव

नई दिल्ली, 29 दिसंबर (हि.स.)। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने वित्त वर्ष 2025-26 के संशोधित बजट अनुमान एवं 2026-27 के बजट अनुमानों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। इसी क्रम में सोमवार को स्थायी समिति की विशेष बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में विभिन्न जोनल कमेटियों के अध्यक्षों ने अपने-अपने जोन के बजट प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए। इसमें सिटी-सदर पहाड़गंज, वेस्ट, सेंट्रल, केशवपुरम, सिविल लाइंस, रोहिणी, करोल बाग, साउथ, नजफगढ़, शाहदरा नॉर्थ, शाहदरा साउथ जोन एवं नरेला के लिए बजट प्रस्ताव पेश किया।

इस अवसर पर स्थायी समिति की अध्यक्ष सत्या शर्मा ने कहा कि सभी जोन से प्राप्त सुझावों को सम्मिलित करते हुए एक जनहितकारी और व्यावहारिक बजट तैयार किया जाएगा। कहा कि बजट केवल आय-व्यय का दस्तावेज नहीं, बल्कि शहर, कॉलोनियों और नागरिकों की अपेक्षाओं, आवश्यकताओं और विकास को दिशा देने वाला रोडमैप है। उन्होंने कहा कि आय और व्यय के असंतुलन को दूर करने के लिए वित्तीय घाटे को कम करते हुए विभिन्न माध्यमों से आय बढ़ाने की आवश्यकता है, ताकि विकास परियोजनाओं के लिए पर्याप्त बजट प्रावधान किया जा सके और निगम पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ न पड़े।

जोनल कमेटियों के अध्यक्षों ने विशेष रूप से दो बिंदुओं पर जोर दिया - अतिरिक्त राजस्व संसाधनों की खोज एवं विस्तार तथा व्यय में अनुशासन और पारदर्शिता सुनिश्चित करना।

बैठक में जोनल कमेटी अध्यक्षों द्वारा निगम के राजस्व बढ़ाने के लिए विभिन्न संभावित स्रोतों पर भी प्रकाश डाला गया, जिनमें सामुदायिक भवनों का अधिकतम उपयोग, नई आवासीय एवं व्यावसायिक संपत्तियों को चिन्हित कर उन्हें कर दायरे में लाना शामिल है|

सत्या शर्मा ने कहा कि संपत्ति कर, विज्ञापन शुल्क, पार्किंग शुल्क, लाइसेंस शुल्क जैसे पारंपरिक राजस्व स्रोतों को सरल और सुव्यवस्थित बनाकर अधिक से अधिक नागरिकों को ईमानदारी से कर अदा करने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल, डिजिटल भुगतान एवं सिंगल-विंडो सिस्टम को बढ़ावा दिया जाए। इन सभी प्रयासों में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाएगा कि बजट में आम नागरिक पर अतिरिक्त कर भार न पड़े।

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हिन्दुस्थान समाचार / माधवी त्रिपाठी