साइबर ठगी का खुलासा, चेन्नई से आरोपित गिरफ्तार

कोलकाता, 27 दिसंबर (हि.स.)।

पश्चिम बंगाल पुलिस ने साइबर ठगी के एक बड़े मामले का खुलासा करते हुए चेन्नई से एक आरोपित को गिरफ्तार किया है। आरोपित पर कोलकाता के एक निजी अस्पताल से करोड़ों रुपये की ठगी करने का आरोप है। पुलिस ने बताया कि आरोपित की पहचान सिकंदर बाचा के रूप में हुई है, जिसे चेन्नई से गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर विधाननगर थाने लाया गया है। पुलिस अब तक ठगी की रकम में से 30.72 लाख रुपये बरामद कर चुकी है।

पुलिस के अनुसार, इसी महीने की शुरुआत में उत्तर कोलकाता के बागुईआटी स्थित एक निजी अस्पताल के उपाध्यक्ष अतनु मुखर्जी को एक अज्ञात नंबर से व्हाट्सएप संदेश मिला था। संदेश भेजने वाले की प्रोफाइल फोटो अस्पताल के प्रबंध निदेशक प्रशांत शर्मा की थी। संदेश में दावा किया गया कि प्रबंध निदेशक अब पुराने नंबर का उपयोग नहीं कर रहे हैं और आगे से इसी नए नंबर से सभी आधिकारिक संवाद होंगे।

संदेश को वास्तविक मानते हुए अतनु मुखर्जी ने जवाब दिया। अगले दिन उसी नंबर से एक और संदेश आया, जिसमें अस्पताल के खाते से एक अन्य बैंक खाते में बड़ी रकम स्थानांतरित करने का निर्देश दिया गया। इसे सीधे प्रबंध निदेशक का आदेश समझकर मुखर्जी ने राशि ट्रांसफर कर दी। बाद में उन्हें ठगी का अहसास हुआ और साइबर धोखाधड़ी का शिकार होने की बात सामने आई।

इसके बाद अतनु मुखर्जी ने बागुईआटी थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की। जांच के दौरान पुलिस ने उस बैंक खाते की पहचान की, जिसके जरिए पैसे की निकासी हुई थी। यह खाता तमिलनाडु से जुड़ा पाया गया।

सूचना के आधार पर पुलिस की एक टीम तमिलनाडु भेजी गई, जहां से आरोपित सिकंदर बाचा को चेन्नई से गिरफ्तार किया गया। उसे ट्रांजिट रिमांड पर कोलकाता लाकर अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे सात दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।

विधाननगर पुलिस कमिश्नरेट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच जारी है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इस साइबर ठगी में कोई और व्यक्ति या गिरोह भी शामिल था या नहीं। पुलिस शेष ठगी की रकम की बरामदगी के लिए भी प्रयास कर रही है।

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हिन्दुस्थान समाचार / अभिमन्यु गुप्ता