हिसार : सकल घरेलू उत्पाद में कृषि का अह्म योगदान : प्रो. दिनेश के मारोठिया
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- Nov 28, 2025

एचएयू में इंडियन सोसाइटी ऑफ़ एग्रीकल्चर इकोनॉमिक्स सम्मेलन का समापन हिसार, 28 नवंबर (हि.स.)। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित तीन दिवसीय 85वें इंडियन सोसाइटी ऑफ़ एग्रीकल्चर इकोनॉमिक्स (आईएसएई) के वार्षिक सम्मेलन का समापन हुआ। आईएसएई के चेयरमैन प्रो. दिनेश के मारोठिया कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि जबकि मंच पर सचिव डॉ. कमल वाटा, कृषि महाविद्यालय के अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. डीपी मलिक व डॉ. कशिश अरोड़ा उपस्थित रहे।प्रो. दिनेश के. मारोठिया ने शुक्रवार काे कहा कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में कृषि का अह्म योगदान है। सतत कृषि से किसानों की लागत कम होगी और आय में बढ़ोतरी होगी। फसल विविधीकरण से बाजार के उतार-चढ़ाव से बचा जा सकता है। जिससे जोखिम कम होगा और खेती आर्थिक रूप से टिकाऊ और मजबूत होगी। उन्होंने बताया कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि का अह्म योगदान है। ग्रामीण क्षेत्रों में समावेशी विकास सुनिश्चित करने हेतु संस्थागत नवाचारों और सामुदायिक भागीदारी को अहम बताया गया। उन्होंने बताया कि जलवायु परिवर्तन के मध्यनजर संसाधन संरक्षण, जल प्रबंधन और हरित तकनीक को बढ़ावा देने की सिफारिश की गई। किसानों की बाजारों तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए मूल्य निर्धारण, जोखिम प्रबंधन और निर्यात संभावनाओं को मजबूत करने पर विस्तार से चर्चा की गई। कार्यक्रम में उत्कृष्ट शोध पत्र प्रस्तुत करने वाले वैज्ञानिकों को सम्मानित किया गया। इन वैज्ञानिकों में डॉ. शैलेन्द्र कुमार व डॉ. समिता सिरोही को फैलो आईएसएई, जोन्स जी टियांडल, अक्षय देशमूख व पूजा चंद्रन को डॉ. एनए मजूमदार अवार्ड से सम्मानित किया गया। इसी प्रकार दीपांजन कश्यप को प्रोफेसर एसएस जोहल अवार्ड, अंकित कुमार सिंह को डीके देसाई अवार्ड तथा बोन्दिता सिक्का को अनामित्रा साहा अवार्ड से सम्मानित किया गया। डॉ. डीपी मलिक ने सम्मेलन में सभी का धन्यवाद किया। मंच का संचालन जैव प्रौद्योगिकी महाविद्यालय की सहायक प्राध्यापक डॉ. कनिका ने किया।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर



