(अपडेट) मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 10 लाख महिलाओं को एक हजार करोड़ रुपये ट्रांसफर किए

पटना, 28 नवम्बर (हि.स.)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को 1, अणे मार्ग स्थित 'संकल्प' से 'मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना' की 10 लाख लाभुक महिलाओं के खाते में 10 हजार रुपये प्रति लाभुक की दर से 1000 करोड़ रुपये की राशि का रिमोट का बटन दबाकर हस्तांतरण किया। इसके पूर्व एक करोड़ 46 लाख लाभुक महिलाओं के खाते में 14 हजार 600 करोड़ रुपये की राशि अंतरित की जा चुकी है।

मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंस से बड़ी संख्या में जुड़ीं सभी महिला लाभार्थियों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं। आप जानते हैं कि इस बार बिहार के लोगों ने विधानसभा चुनाव में भारी बहुमत से एनडीए को जिताया है तथा हम लोगों को फिर से अगले पांच वर्षों तक बिहार की सेवा करने का मौका दिया है। मैं इसके लिए आप सभी महिलाओं के साथ-साथ बिहार के सभी लोगों का आभार व्यक्त करता हूं।

उन्होंने कहा कि बहुत खुशी की बात है कि आज 'महिला रोजगार योजना' के तहत अपनी पसंद का रोजगार करने के लिए 10 लाख महिलाओं को दस-दस हजार रुपये की सहायता राशि भेजी जा रही है। पहले एकत करोड़ 46 लाख महिलाओं को यह सहायता राशि दी जा चुकी है। आज 10 लाख महिलाओं को यह सहायता दी जा रही है। कुल मिलाकर एक करोड़ 56 लाख महिलाओं को इसका फायदा मिल जायेगा। इस योजना में दी गयी सहायता से काफी संख्या में महिलाओं ने अपनी पसंद का रोजगार शुरू किया है। जो महिलाएं अपना रोजगार अच्छे से करेंगी, उन्हें आगे 2 लाख रुपये तक की सहायता दी जायेगी। उन्होंने कहा कि अब इसके बाद जो परिवार बचे हैं, उनको भी अगले महीने तक सहायता राशि दे दी जायेगी। इससे राज्य के सभी परिवारों की महिलाओं को काफी फायदा होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोगों ने शुरू से ही महिला सशक्तीकरण पर जोर दिया है। वर्ष 2006 में पंचायती राज संस्थाओं एवं वर्ष 2007 में नगर निकायों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण से शुरूआत की गयी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 से पुलिस की बहाली में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण दिया। वर्ष 2016 से महिलाओं को सभी सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण दिया। पहले बिहार में स्वयं सहायता समूह की संख्या बहुत कम थी। वर्ष 2006 में विश्व बैंक से कर्ज लेकर राज्य में स्वयं सहायता समूह का गठन किया जिसे 'जीविका' नाम दिया। अब स्वयं सहायता समूह में 'जीविका दीदियों' की संख्या एक करोड़ 40 लाख हो गयी है। वर्ष 2024 से शहरी क्षेत्रों में भी स्वयं सहायता समूह का गठन हो रहा है जिसमें लगभग 4 लाख 34 हजार जीविका दीदियां हैं। गठन लगातार जारी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे विश्वास है कि आप सभी महिलाओं को इस 10 हजार रुपये की राशि से अपना काम शुरू करने में काफी मदद मिलेगी। इससे आपका परिवार खुशहाल होगा तथा बिहार का और तेजी से विकास होगा। आज के कार्यक्रम में लाभार्थियों ने अपने-अपने अनुभव साझा किये हैं। महिलाओं में आत्मविश्वास देखकर मुझे खुशी होती है। हमलोग सभी लोगों के विकास के लिये लगातार काम कर रहे हैं। केन्द्र सरकार का भी राज्य के विकास में पूरा सहयोग मिल रहा है। आगे सबके विकास के लिये काम करते रहेंगे।

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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद चौधरी