क्राइम ब्रांच कश्मीर ने 26 लाख रुपये के अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन धोखाधड़ी मामले में चार्जशीट दाखिल की

श्रीनगर, 24 दिसंबर (हि.स.)। क्राइम ब्रांच कश्मीर की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने 26 लाख रुपये से अधिक की अंतरराष्ट्रीय धोखाधड़ी से जुड़े एक जटिल ऑनलाइन धोखाधड़ी और प्रतिरूपण मामले में चार्जशीट दाखिल की है।

क्राइम ब्रांच कश्मीर द्वारा जारी एक बयान के अनुसार आरपीसी की धारा 419, 420, 468, 471 और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66-डी के तहत दर्ज एफआईआर संख्या 17/2020 में श्रीनगर के लघु वाद न्यायाधीश की अदालत में चार्जशीट प्रस्तुत की गई है। अरुणाचल प्रदेश के लेपा राडा जिले के बासर क्षेत्र के पागी गांव की निवासी हेनजुम रिबा की बेटी जुंबोम रिबा के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऑनलाइन धोखाधड़ी रैकेट में भूमिका के लिए चार्जशीट दाखिल की गई है।

यह मामला एक लिखित शिकायत से शुरू हुआ जिसमें शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि सोशल मीडिया के माध्यम से क्रिस्टियाना नाम की एक महिला ने उससे संपर्क किया जिसने खुद को यूनाइटेड किंगडम की एबॉट फार्मास्युटिकल कंपनी में सचिव बताया। शिकायतकर्ता को अरुणाचल प्रदेश से प्राप्त अगासिना नट नामक उत्पाद के लिए उच्च लाभ और डीलरशिप अधिकारों का लालच दिया गया, साथ ही एक अंतरराष्ट्रीय खरीद समझौते का आश्वासन भी दिया गया। दावों को सच मानकर, शिकायतकर्ता ने लगभग 26.25 लाख कई बैंक खातों में स्थानांतरित कर दिए।

जांचकर्ताओं ने बताया कि मुद्रा परिवर्तन के एक फर्जी प्रदर्शन के माध्यम से धोखाधड़ी को और बढ़ावा दिया गया जिसके परिणामस्वरूप शिकायतकर्ता को भारी वित्तीय नुकसान हुआ। जांच के दौरान ईओडब्ल्यू कश्मीर ने पाया कि आरोपियों ने फर्जी मतदाता पहचान पत्रों सहित जाली और नकली पहचान दस्तावेजों का उपयोग करके विभिन्न बैंकों में तब्बू जुली और आयशा कोहली के नाम से कई बैंक खाते खोले थे। आरोप है कि ये खाते स्वयं आरोपी महिला द्वारा संचालित किए जाते थे और इनका उपयोग धोखाधड़ी से प्राप्त धन के हस्तांतरण, हेरफेर और निकासी के लिए किया जाता था। अधिकारियों ने बताया कि लेन-देन विश्लेषण से पता चला है कि खातों में तेजी से अंतर-बैंक हस्तांतरण और नकद निकासी की गई थी और इन खातों को क्रेडिट करने के लिए आय का कोई वैध स्रोत नहीं था

कश्मीर के आर्थिक अपराध विभाग (ईओडब्ल्यू कश्मीर) के अनुसार जांच में धोखाधड़ी, प्रतिरूपण, जालसाजी और जाली दस्तावेजों को असली बताकर इस्तेमाल करने के अपराध निर्णायक रूप से सिद्ध हो गए हैं। जांच पूरी हो चुकी है और न्यायिक निर्णय के लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 512 के तहत अनुपस्थिति में आरोप पत्र दाखिल किया गया है।

इस बीच कश्मीर की अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने एक बार फिर जनता से सतर्क और सावधान रहने का आग्रह किया है और लोगों को ऑनलाइन या ऑफलाइन जालसाजों के झांसे में न आने की सलाह दी है।।

हिन्दुस्थान समाचार / बलवान सिंह