नई दिल्ली, 10 दिसंबर (हि.स.)। दिल्ली क्राइम ब्रांच की एंटी-रॉबरी एंड स्नैचिंग सेल ने राजधानी में सक्रिय दो संगठित अपराध सिंडिकेटों का पर्दाफाश किया है। एक सिंडिकेट, जिसका संचालन राजकुमार उर्फ़ राजू मीणा कर रहा था। वह ट्रांसपोर्टरों और ट्रैफिक पुलिसकर्मियों से जबरन वसूली करता था। वहीं दूसरा सिंडिकेट का मास्टरमाइंड जीशान अली है। यह कमर्शियल वाहनों को ‘नो एंट्री’ के दौरान चलाने के लिए फर्जी मार्का/स्टिकर बेचता था।
क्राइम ब्रांच के पुलिस उपायुक्त संजीव यादव ने बुधवार को पुलिस मुख्यालय में प्रेस वार्ता में बताया कि पहले मामले में जांच के दौरान पता चला कि एक संगठित गिरोह पुलिसकर्मियों के वीडियो बनाकर उन्हें एडिट करता था और फिर विभागीय जांच की धमकी देकर रुपए ऐंठता था। मामले की गंभीरता देखते हुए राजकुमार पर मकोका लगाया गया है। यह सिंडिकेट 2015 से सक्रिय था।
पुलिस उपायुक्त ने आगे बताया कि दूसरे मामले में जीशान अली हर महीने 2,000 से 5,000 रुपये में स्टिकर बेचकर कमर्शियल वाहनों को बिना रोक-टोक चलाने की सुविधा देता था। वह 2000 से ज्यादा स्टिकर हर महीने छापता था। वह अलग-अलग मोबाइल नंबर, रंग और डिजाइन वाले मार्का बनाता था और व्हाट्सएप ग्रुप के ज़रिए पूरा नेटवर्क चलाता था। उसके गिरोह के तीन और सदस्य चंदन कुमार चौधरी, दिलीप कुमार और दीनानाथ चौधरी को भी गिरफ्तार किया गया है। वहीं पुलिस ने छापेमारी में 1200 से ज्यादा स्टिकर, रबर स्टैंप, स्पाई कैमरा, डेस्कटॉप, मोबाइल फोन, लाइसेंसी वेबली पिस्टल, और एक टोयोटा फॉर्च्यूनर बरामद की है। पुलिस अधिकारी के अनुसार अब तक कुल पांच आरोपित गिरफ्तार किए जा चुके हैं। डिजिटल और वित्तीय जांच जारी है। क्राइम ब्रांच बाकी नेटवर्क को खत्म करने के लिए लगातार छापेमारी कर रही है।
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हिन्दुस्थान समाचार / कुमार अश्वनी



