नव वर्ष के अवसर पर कानून-व्यवस्था सुदृढ़ रखने को लेकर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक
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- Dec 30, 2025
-सभी जिलों को आवश्यक निर्देश
पटना, 30 दिसंबर (हि.स.)।राज्य में आगामी नव वर्ष के अवसर पर विधि-व्यवस्था को सुदृढ़ एवं शांतिपूर्ण बनाए रखने के उद्देश्य से आज मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण उच्चस्तरीय बैठक का आयोजन किया गया।
इस बैठक में राज्य के सभी ज़िलाधिकारियों एवं पुलिस अधीक्षकों ने वीसी के माध्यम से भाग लिया। बैठक का मुख्य विषय 31 दिसंबर, 2025 एवं 1 जनवरी, 2026 को राज्यभर में कानून-व्यवस्था की प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित करना था।
बैठक को संबोधित करते हुए मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने स्पष्ट निर्देश दिया कि 31 दिसंबर एवं 1 जनवरी के दौरान कानून-व्यवस्था पूरी तरह से सख्ती के साथ लागू रहनी चाहिए। उन्होंने सभी ज़िलाधिकारियों एवं एसपी को निर्देशित किया कि भीड़-भाड़ वाले स्थानों, सार्वजनिक स्थलों, बाजारों तथा प्रमुख चौराहों पर विशेष निगरानी रखी जाए। किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना या विवाद की स्थिति में त्वरित एवं प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
मुख्य सचिव ने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत करने के लिए सभी चिन्हित एवं संवेदनशील स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएँ तथा पहले से लगे कैमरों की कार्यशीलता की नियमित जांच की जाए। इसके साथ ही, शीतलहर एवं बढ़ती ठंड को ध्यान में रखते हुए जरूरतमंदों के लिए अलाव की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि सभी अस्पतालों का निरीक्षण किया जाए, ताकि वहाँ मरीजों के लिए कंबलों की कोई कमी न हो तथा चिकित्सा कर्मी समय पर उपस्थित रहें। इसके अतिरिक्त, पार्कों, पिकनिक स्पॉट्स एवं उनके आसपास के क्षेत्रों में पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की तैनाती सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया, ताकि सुरक्षा व्यवस्था में किसी प्रकार की कमी न रह जाए।
बैठक में पुलिस महानिदेशक द्वारा भी सभी ज़िलाधिकारियों एवं एसपी को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। डीजीपी ने कहा कि वर्ष के अंतिम दिन एवं नव वर्ष के अवसर पर युवाओं में शराब एवं नशीले पदार्थों की मांग रहती है, जिससे कानून-व्यवस्था प्रभावित होने की संभावना रहती है। इसे ध्यान में रखते हुए पुलिस को पूरी सतर्कता के साथ कार्य करना होगा। जहाँ भी शराब या ड्रग्स से संबंधित सूचना प्राप्त हो, वहाँ नियमित रूप से छापेमारी की जाए और दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए।
उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि तीर्थ स्थलों पर श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देखते हुए पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल की तैनाती की जाए। वरीय अधिकारियों की यह जिम्मेदारी होगी कि वे अपने अधीनस्थ अधिकारियों एवं पुलिसकर्मियों को सही ढंग से ब्रीफिंग एवं डी-ब्रीफिंग करें, ताकि सभी अपने कर्तव्यों को भली-भांति समझ सकें।
डीजीपी ने गलियों, चौक-चौराहों एवं अन्य संवेदनशील स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे अवसरों पर बाइकर्स गैंग अधिक सक्रिय हो जाते हैं, इसलिए इन पर कड़ी नजर रखी जाए और आवश्यकता पड़ने पर त्वरित कार्रवाई की जाए।
इसके अतिरिक्त, ब्लॉक, ज़िला, विद्यालयों एवं अन्य संस्थानों में नशा मुक्ति अभियान चलाने के निर्देश दिए गए, ताकि आम जनता को जागरूक किया जा सके और वे पुलिस प्रशासन को सहयोग प्रदान करें। सीमावर्ती इलाकों में ड्रग्स एवं अवैध हथियारों के लेन-देन को रोकने के लिए सघन फ्रिस्किंग एवं चेकिंग अभियान चलाने तथा संदिग्ध व्यक्तियों से तत्काल पूछताछ करने के निर्देश भी दिए गए।
इस महत्वपूर्ण बैठक में विकास आयुक्त मिहिर कुमार सिंह, एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) पंकज दराद सहित विभाग के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद चौधरी



