पेयजल की मांग पर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, पानी नहीं तो वोट नहीं की दी चेतावनी
- Admin Admin
- Dec 29, 2025
आसनसोल, 29 दिसंबर (हि. स.)। आसनसोल नगर निगम क्षेत्र के जगतडीहि गांव में सोमवार को पेयजल संकट को लेकर लोगों का सब्र जवाब दे गया। लंबे समय से साफ और कानूनी रूप से पेयजल आपूर्ति से वंचित ग्रामीणों ने एक बार फिर सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया और नारेबाजी की।
ग्रामीणों ने पानी नहीं तो वोट नहीं, प्रदर्शनकारियों ने स्पष्ट चेतावनी दी कि जब तक हर घर तक वैध रूप से पीने का पानी नहीं पहुंचेगा, तब तक वे मतदान प्रक्रिया से दूरी बनाए रखेंगे।
ग्रामीणों का कहना है कि वार्ड संख्या 58 के इस इलाके में वर्षों से जल संकट बना हुआ है। कई बार नगर निगम, जनस्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग और जनप्रतिनिधियों से शिकायतें की गईं, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिले। मजबूरी में लोगों को पास से गुजर रही पाइपलाइनों से अस्थायी तौर पर पानी लेना पड़ता रहा, जिससे किसी तरह रोजमर्रा की जरूरतें पूरी हो सकें।
सोमवार को स्थिति तब और बिगड़ गई, जब नगर निगम और पीडब्ल्यूडी विभाग के कर्मचारी अचानक इलाके में पहुंचे और उन अस्थायी जल कनेक्शनों को काट दिया, जिन पर ग्रामीण निर्भर थे। पानी की आपूर्ति अचानक बंद होने से महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। इसी के विरोध में सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन करना पड़ा।
प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों ने प्रशासन पर संवेदनहीनता का आरोप लगाया। उनका कहना था कि बिना वैकल्पिक व्यवस्था किए जल कनेक्शन काट देना अमानवीय कदम है। ग्रामीणों ने सवाल उठाया कि यदि प्रशासन वर्षों से कानूनी कनेक्शन देने में असफल रहा है, तो फिर उनकी मूलभूत जरूरतों की जिम्मेदारी कौन लेगा।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पानी सिर्फ सुविधा नहीं, बल्कि उनका मौलिक अधिकार है। यदि इस अधिकार को सुनिश्चित नहीं किया जाता, तो वे अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग भी नहीं करेंगे। इसी के तहत ग्रामीणों ने मतदान बहिष्कार की चेतावनी दी और कहा कि आने वाले चुनाव में संबंधित बूथ पर एक भी वोट नहीं डाला जाएगा।
उल्लेखनीय है कि यह इलाका वार्ड संख्या 58 के अंतर्गत आता है और यहां के पार्षद संजय नुनिया हैं। संबंधित मतदान केंद्र संख्या 119 बताया जा रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि पार्षद को कई बार समस्या से अवगत कराया गया, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई ठोस पहल नहीं हुई। इसी नाराजगी के चलते जनप्रतिनिधियों के खिलाफ भी गुस्सा देखने को मिला।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने इलाके में सतर्कता बढ़ा दी है। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं, ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से बचा जा सके।
अधिकारियों का कहना है कि समस्या के समाधान के लिए संबंधित विभागों से रिपोर्ट मांगी गई है और वैकल्पिक जल व्यवस्था पर भी विचार किया जा रहा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / संतोष विश्वकर्मा



