डेबरा प्रशासन ने 100 यक्ष्मा रोगियों को गोद लेकर सुनिश्चित किया पोषणयुक्त भोजन
- Admin Admin
- Dec 25, 2025
मेदिनीपुर, 23 दिसंबर (हि. स.)। पश्चिम मेदिनीपुर के डेबरा में यक्ष्मा (टीबी) मुक्त ब्लॉक बनाने के उद्देश्य से प्रशासन ने अनूठा पहल शुरू किया है। केवल मुफ्त दवाइयां देने से काम नहीं चलेगा, बल्कि रोगियों को पोषणयुक्त आहार भी प्रदान करना जरूरी है। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रशासनिक अधिकारी और स्थानीय जनप्रतिनिधि अब यक्ष्मा रोगियों को गोद लेकर उनके उपचार और दैनिक पोषण का जिम्मा संभाल रहे हैं।
जिले के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी सौमाशंकर षड़ंगी और जिला टीबी अधिकारी अभिजीत विश्वास ने इस पहल की सराहना की। डेबरा के बीडीओ प्रियत ब्रत राड़ी ने गुरुवार को दो-दो रोगियों को गोद लिया। वहीं, उनकी पत्नी काबेरी और संयुक्त बीडीओ देवाशिस विश्वास भी दो-दो रोगियों का पोषण सुनिश्चित करेंगे।
पुलिस विभाग के अधिकारी—एसडीपीओ देवाशिस राय, सीआई, थाना अधिकारी और ट्रैफिक ओसी भी इस अभियान में सक्रिय रूप से शामिल हुए। डेबरा बीएमओएच शुचिस्मिता मंडल ने अकेले चार रोगियों को गोद लिया। उनके माता-पिता, शिक्षक सुनिलकुमार और मां मानसी मंडल ने भी दो-दो रोगियों को गोद लिया।
शुचिस्मिता मंडल ने कहा कि सीएमओएच सर से प्रेरित होकर समाज के उपकार में योगदान देने के लिए यह कदम उठाया है।
बीडीओ ने बताया कि लगभग 60 शिक्षक भी इस पहल में शामिल होकर प्रत्येक ने एक रोगी को गोद लिया। डेबरा पंचायत समिति के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और ग्राम पंचायत के प्रमुख व कर्माध्यक्ष भी रोगियों की देखभाल में जुटे हैं। विशेष रूप से उपाध्यक्ष प्रदीप कर ने पांच रोगियों को गोद लिया। उन्होंने कहा कि ग़रीब और असहाय लोगों की सेवा करने में मुझे संतोष मिलता है। मेरा लक्ष्य है कि ये रोगी जल्दी स्वस्थ हो सकें।
गोद लिए गए रोगियों को पोषण के लिए अंडा, दूध, घी, मांस, सोयाबीन और मसूर की दाल जैसी खाद्य सामग्री प्रदान की जाएगी। सप्ताह में या 15 दिन में यह भोजन उनके पास पहुंचाया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, जिले में प्रति वर्ष औसतन चार हजार 500- चार हजार 600 नए यक्ष्मा रोगी मिलते हैं, जबकि वर्तमान में दो हजार 600 रोगियों का उपचार चल रहा है। निक्षय मित्र परियोजना के तहत सरकार रोगियों को उपचार और पोषण के लिए छह हजार रुपये प्रदान करती है।
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि इस तरह के गोद लेने वाले कार्यक्रम से न केवल रोगियों को उचित पोषण मिलेगा, बल्कि उनका उपचार भी प्रभावी रूप से पूरा होगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / अभिमन्यु गुप्ता



