शीतकालीन सत्र से पहले विधानसभा अध्यक्ष ने विभागों के लिए डिजिटल विधायी कार्यप्रणाली पर दो दिवसीय प्रशिक्षण का दिया निर्देश

नई दिल्ली, 27 नवंबर (हि.स.)। संविधानिक शासन में पूर्ण डिजिटल कार्यप्रणाली की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में दिल्ली विधान सभा के अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने आज संसदीय मामलों के मंत्रालय, दिल्ली विधान सभा सचिवालय और सभी संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की।

गुप्ता ने निर्देश दिया कि जीएनसीटीडी के 40 विभाग 2 और 3 दिसंबर 2025 को विधानसभा प्रश्नों के उत्तर देने, बिल प्रस्तुत करने और राष्ट्रीय ई-विधान एप्लिकेशन (नेवा) के माध्यम से सभी संबंधित विधायी कार्यों के लिए डिजिटल प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि आगामी शीतकालीन सत्र के मद्देनजर, अब विधानसभा और जीएनसीटी दिल्ली के विभागों के बीच सभी प्रश्न, नोटिस, उत्तर और विधायी कार्य पूरी तरह से पेपरलेस और डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से संचालित होंगे।

डिजिटल संक्रमण के हिस्से के रूप में, सभी मंत्रियों के विभागों के लिए 2 और 3 दिसंबर 2025 को डिजिटल प्रशिक्षण निर्धारित किया गया है। 2 दिसंबर को सामान्य प्रशासन, सेवाएं, वित्त, उत्पाद शुल्क, व्यापार एवं कर, राजस्व, महिला एवं बाल विकास, भूमि और भवन, सूचना एवं जनसंपर्क, सतर्कता, प्रशासनिक सुधार और योजना जैसे विभाग प्रशिक्षण लेंगे, जबकि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, परिवहन और आईटी विभाग प्रशिक्षण करेंगे। उसी दिन, विधि और न्याय, विधायी मामले, कला और संस्कृति, पर्यटन, आधिकारिक भाषा और विकास विभाग; तथा सामाजिक कल्याण, एससी/एसटी कल्याण, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, उद्योग और पर्यावरण एवं वन विभाग प्रशिक्षण लेंगे। 3 दिसंबर को गृह, शहरी विकास, डीयूएसआईबी, शिक्षा, उच्च शिक्षा, प्रशिक्षण और तकनीकी शिक्षा तथा संबंधित विभाग प्रशिक्षण लेंगे; साथ ही लोक निर्माण विभाग, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण, जल और गुरुद्वारा चुनाव विभाग प्रशिक्षण करेंगे।

विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि विधानसभा के आगामी शीतकालीन सत्र के साथ, 100 प्रतिशत पेपरलेस संचालन में यह बदलाव विधायी कार्यों की दक्षता, पारदर्शिता और सुचारु संचालन को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगा। उन्होंने यह भी जोर दिया कि डिजिटल रूप से सशक्त प्रणाली में संक्रमण सभी विभागों से समय पर उत्तर प्राप्त करने और जवाबदेही को मजबूत करने के लिए आवश्यक है। अध्यक्ष ने निर्देश दिया कि सभी व्यवस्थाएं और समन्वय समय पर पूरे किए जाएं ताकि आगामी सत्र के दौरान इसका सहज क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सके।

गुप्ता के दृष्टिकोण और मार्गदर्शन में, दिल्ली विधानसभा ने अत्यंत कम समय में पूर्ण पेपरलेस संचालन हासिल किया है और नेवा के तहत पूरी तरह डिजिटल बनने वाली देश की 18वीं विधानसभा बन गई है तथा इसे केवल 100 दिनों में पूरा किया। पारदर्शिता, पर्यावरणीय स्थिरता और शासन में नवाचार के प्रति अपनी मजबूत प्रतिबद्धता को दोहराते हुए विधानसभा देश में डिजिटल विधायी प्रक्रियाओं में नए मानक स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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हिन्दुस्थान समाचार / अनूप शर्मा