(वार्षिकी) दिल्ली सरकार 2025 में आयुष्मान से अटल कैंटीन योजना तक, दीपोत्सव, छठ और गुरमत समागम का भव्य आयोजन

नई दिल्ली, 31 दिसंबर (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली में 11 वर्षों से सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आआपा) को पटखनी देते हुए 27 साल बाद वर्ष 2025 में यहां की सत्ता हासिल की। दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार ने अपने इस कार्यकाल में आयुष्मान से अटल कैंटीन योजना लागू करने के साथ-साथ कर्तव्य पथ पर भव्य दिल्ली दीपोत्सव यमुना घाटों पर छठ और लालकिले पर श्री गुरु तेग बहादुर साहिब के 350वें शहीदी दिवस पर 23 से 25 नवंबर तक तीन दिवसीय गुरमत समागम का भव्य आयोजन किया। इसके अलावा दिल्ली स्वच्छता अभियान और एक पेड़ मां के नाम का सफल आयोजन किया।

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 14 फरवरी को पहली कैबिनेट बैठक में दिल्ली सरकार की ओर से पांच लाख रुपये के टॉप-अप के साथ आयुष्मान भारत योजना को सर्वसम्मति से मंजूरी दी और 10 अप्रैल से आयुष्मान कार्ड वितरण शुरू हो गया। दिल्ली में अब तक इस योजना के तहत 4 लाख 99 हजार से ज्यादा आयुष्मान कार्ड बने हैं। दिल्ली में आयुष्मान आरोग्य मंदिरों की संख्या लगातार बढ़ रही है, नवंबर 2025 तक 70 नए मंदिर शुरू होने के बाद कुल संख्या 238 तक पहुंच गई है और लक्ष्य 1139 आरोग्य मंदिरों का है।

मुख्यमंत्री ने दिल्ली के लिए 25 मार्च को विधानसभा में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए एक लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया। इसमें आयुष्मान योजना के लिए 2144 करोड़ रुपये का प्रावधान है।

बजट में महिला समृद्धि योजना के लिए 5100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। महिला समृद्धि योजना के तहत दिल्ली की महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये देने का प्रावधान है। इस योजना पर अभी काम चल रहा है और दिल्ली की महिलाएं 2500 रुपये का इंतजार कर रही है। आआपा और कांग्रेस के नेता लगातार इस मुद्दे पर दिल्ली सरकार पर हमला कर रहे हैं। दिल्ली की सड़कों को सुधारने, विकास को रफ्तार देने, बुनियादी ढांचों को सुधारने के लिए बजट में 28 हजार करोड़ रुपये का आवंटन किया है।

जल आपूर्ति और स्वच्छता व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए 9 हजार करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। दिल्ली सरकार ने 2025 के बजट में यमुना की सफाई के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) और डी-सेंट्रलाइज्ड ट्रीटमेंट सिस्टम (डीटीएस) के लिए हैं। 2025 में पानी बिल माफी योजना मुख्य रूप से दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) द्वारा चलाई जा रही है। डीजेबी ने बकाया पानी बिलों पर लगे जुर्माने (लेट पेमेंट सरचार्ज) में बड़ी छूट दी, खासकर 31 जनवरी 2026 तक बिल भरने वालों को 100 फीसद तक जुर्माने माफी का लाभ मिल रहा है, और यह योजना घरेलू उपभोक्ताओं के लिए है, जिसमें पुराने बिलों के निपटारे और अवैध कनेक्शनों को वैध करने का मौका दिया जा रहा है। योजना के तहत 31 जनवरी 2026 तक बकाया बिलों का भुगतान करने पर लेट पेमेंट सरचार्ज पर 100 फीसद छूट मिलेगी, यानी आपको सिर्फ मूल बिल चुकाना होगा। उसके बाद एक फरवरी से 31 मार्च 2026 के बीच भुगतान करने पर 70 फीसद तक की छूट मिल सकती है।

राजधानी में 100 करोड़ के बजट से 100 झुग्गी झोपड़ी कॉलोनियों में अटल कैंटीन की स्थापना की जा रही है। दिल्ली सरकार ने पहले चरण में भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जी की 100वीं जयंती पर 45 अटल कैंटीनों का मुख्यमंत्री ने उदघाटन किया। अटल कैंटीन में लोगों को पांच रुपये में पौष्टिक भोजन मिल रहा है।

वित्त वर्ष 2025-26 में अप्रैल 2025 से लेकर अक्टूबर 2025 के बीच दिल्ली परिवहन निगम डीटीसी के वित्तीय स्थिति में तेजी से सुधार किया है, जिससे डीटीसी की औसत मासिक आय 93.96 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है, जबकि बीते वित्त वर्ष 2024-25 में यह औसत मासिक आय सिर्फ 68.54 करोड़ रुपये ही था। अक्टूबर 2025 के बीच डीटीसी को बस टिकट से होने वाली कमाई 220.33 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। पिंक टिकट सब्सिडी से अबतक 235.56 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई है, जो महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा योजना की सफलता को दर्शाता है और राजधानी दिल्ली में महिला सशक्तीकरण को भी बढ़ावा मिला है साथ ही महिलाओं के मुफ्त यात्रा से आर्थिक आत्मनिर्भरता भी बढ़ रही है। इसी अवधि के दौरान डीटीसी को अन्य श्रोत (स्क्रैप की बिक्री, एफबी से ब्याज, विज्ञापन शुल्क, किराया प्राप्ति, पेनल्टी आदि) से हासिल होने वाली आय 102.04 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है। बजट में परिवहन विभाग को सुदृढ़ करने के लिए 9,110 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। यह बजट पिछली सरकार द्वारा वर्ष 2024-25 में आवंटित 5,702 करोड़ रुपये की तुलना में लगभग 60 प्रतिशत अधिक है।

पूर्ववर्ती सरकार ने पिछले वर्ष मेट्रो के लिए महज 500 करोड़ रुपये के आसपास की राशि का प्रावधान किया था, वहीं भाजपा की दिल्ली सरकार ने वर्ष 2025-26 के बजट में मेट्रो परियोजनाओं के लिए 2,929 करोड़ रुपये का भारी-भरकम आवंटन किया है। दिल्ली सरकार ने मेट्रो के विस्तार पर लगातार काम कर रही है। सरकार की कैबिनेट ने एमआरटीएस (मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) फेज-IV के तीन प्रमुख कॉरिडोर को मंजूरी देकर इसके विस्तार का मार्ग प्रशस्त किया है। इन कॉरिडोर में लाजपत नगर से साकेत, इंद्रलोक से इंद्रप्रस्थ और रिठाला से कुंडली (हरियाणा) शामिल है। इस विस्तार से न केवल दिल्ली के भीतर कनेक्टिविटी बेहतर होगी, बल्कि दिल्ली-एनसीआर के बीच यात्रियों को एक सुलभ विकल्प मिलेगा। इस परियोजना के लिए दिल्ली सरकार 3,386.18 करोड़ रुपये का वित्तीय भार स्वयं वहन कर रही है। दिल्ली सरकार ने फंड की उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए चालू वित्त वर्ष में 940 करोड़ रुपये की राशि पहले ही वितरित कर दी है, जबकि 336 करोड़ रुपये की अगली किस्त प्रक्रिया में है। इसके अतिरिक्त, सरकार पिछली देनदारियों (फेज-I, II, III) के करीब 2,700 करोड़ रुपये का भी निपटान कर रही है।

राजधानी में लगभग 400 किलोमीटर का मेट्रो नेटवर्क है, 289 स्टेशन हैं और प्रतिदिन 35-37 लाख यात्री मेट्रो का उपयोग करते हैं। इस उपलब्धि ने दिल्ली में यात्रा और जीवन को आसान बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

दिल्ली सरकार ने 29 दिसंबर को ‘दिल्ली जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक, 2026’ को मंजूरी दी है। दिल्ली कैबिनेट में पारित इस विधेयक का उद्देश्य अनुपालन प्रक्रियाओं को आसान करना और छोटे उल्लंघनों को अपराध की श्रेणी से बाहर करना है ताकि अदालतों पर बोझ कम हो और प्रशासनिक कार्यप्रणाली अधिक प्रभावी बने। यह विधेयक केंद्र सरकार द्वारा लागू जन विश्वास (संशोधन उपबंध) अधिनियम, 2023/2025 के अनुरूप है, जिसके तहत केंद्रीय कानूनों में छोटे अपराधों को अपराधमुक्त किया गया है। इस विधेयक के द्वारा दिल्ली सरकार ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ (व्यवसाय में सुगमता) और ‘ईज ऑफ लिविंग’ (जीवन में सुगमता) को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2023 में लागू किए गए जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) अधिनियम के तहत केंद्रीय कानूनों में छोटे, तकनीकी और प्रक्रियात्मक उल्लंघनों को अपराध की श्रेणी से बाहर किया गया।

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हिन्दुस्थान समाचार / धीरेन्द्र यादव