दिल्ली पुलिस का ‘साइबर संवाद 2.0’ कार्यक्रम, 1000 से अधिक स्कूलों के लाखों विद्यार्थियों से सीधा संवाद

नई दिल्ली, 28 नवंबर (हि.स.)। दिल्ली पुलिस ने शिक्षा निदेशालय और इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4सी) के सहयोग से शुक्रवार को ‘साइबर संवाद 2.0’ के तहत शिक्षकों और स्कूली बच्चों के लिए एक वर्चुअल साइबर जागरूकता सत्र आयोजित किया। यह कार्यक्रम पुलिस मुख्यालय स्थित आदर्श ऑडिटोरियम में हुआ। सत्र में दिल्ली के करीब 1000 से अधिक सरकारी और निजी स्कूलों के लाखों छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने हाइब्रिड माध्यम से भाग लिया। जबकि एनडीएमसी के करीब 250 विद्यार्थी और शिक्षक कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का शुभारंभ दिल्ली पुलिस के पीआरओ संजय त्यागी के स्वागत भाषण से हुआ। उन्होंने शिक्षा निदेशालय, एनडीएमसी और I4सी के सहयोग के लिए आभार व्यक्त करते हुए विद्यार्थियों को सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते समय सतर्क रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की साइबर बुलिंग या ऑनलाइन उत्पीड़न के मामलों में अभिभावक और शिक्षक बिना हिचक पुलिस से संपर्क करें। कार्यक्रम में दीप ग्रुप द्वारा साइबर अपराध जागरूकता पर आधारित एक आकर्षक नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया गया, जिसने बच्चों को ऑनलाइन सुरक्षा के महत्व से जोड़ते हुए खूब प्रभावित किया।

इसके बाद आईएफएसओ के एसीपी मनोज कुमार ने बच्चों को तेजी से बढ़ रहे साइबर अपराधों और उनसे बचाव के तरीकों पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने डिजिटल पहचान की सुरक्षा, साइबर बुलिंग, साइबर स्टॉकिंग, ऑनलाइन ग्रूमिंग, फर्जी जॉब ऑफर, साइबर स्लेवरी और डिजिटल अरेस्ट जैसे खतरों के बारे में जागरूक किया। छात्रों को दो-फैक्टर ऑथेंटिकेशन सक्षम करने, सतर्क रहने और साइबर सुरक्षा से जुड़े एहतियाती उपाय अपनाने की सलाह दी। साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन 1930 और साइबर अपराध की रिपोर्टिंग में “गोल्डन आवर” के महत्व पर भी प्रकाश डाला। दिल्ली पुलिस का कहना है कि वह छात्रों, शिक्षकों और नागरिकों को डिजिटल दुनिया में सुरक्षित रहने के लिए निरंतर जागरूकता और प्रशिक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है।

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हिन्दुस्थान समाचार / कुमार अश्वनी