ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आया था मुश्किल समय, पूरा देश देख रहा था सेना की कार्रवाई : लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह

-जल्द खत्म हो गई लड़ाई, नहीं तो पूर्व सैनिकों को वापस बुलाते, देश में सेना अपने अलग 20 अस्पताल बनाएगी

हिसार, 29 नवंबर (हि.स.)। साउथ-वेस्टर्न कमांड

के लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह ने कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मुश्किल

समय आया था। देश में आतंकवादी हमला हुआ। इसके बाद पूरा देश सेना की कार्रवाई की तरफ

देख रहा था। हम लंबी लड़ाई की तैयारी कर रहे थे। हमने एक्स सर्विसमैन की लिस्ट तैयार

कर ली थी, लेकिन हमने देखा कि लड़ाई बहुत जल्दी खत्म हो गई और 19 घंटे में दुश्मन ने

घुटने टेक दिए थे।

लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह शनिवार को हिसार

कैंट स्थित मिलिट्री स्टेशन में एक्स सर्विसमैन रैली के दौरान पत्रकारों से बातचीत

कर रहे थे। रैली के दौरान भूतपूर्व सैनिकों व शहीदों की माताओं व विधवाओं को सम्मानित

किया गया। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के बारे में काफी अहम बातें कहीं। लेफ्टिनेंट जनरल

मनजिंदर सिंह ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर जैसी लड़ाई लंबी चलती जिस तरह रूस और

यूक्रेन का वॉर हुआ, हो सकता है इस दौरान हमें एक्स सर्विसमैन की जरूरत पड़ती। एक सिस्टम

के तहत उनको देश सेवा में वापस लेकर आएं।

लेफ्टिनेंट जनरल के अनुसार क्योंकि वह ट्रेंड

मैनपावर है। उनको भी देश में दोबारा जॉब करने का मौका मिल सकता है। ऑल रेडी जो रिटायर्ड

होते हैं वो रिजर्व बेस पर रिटायर होते हैं। पांच साल तक उनका कमिटमेंट रहता है। उन्होंने

कहा कि अगर लड़ाई होती है तो रिजर्व को बुलाया जा सकता है। इस तरह जो एक्स सर्विसमैन

है उनको वापस देश सेवा की उम्मीद होती है।​​​​​ ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कई भूतपूर्व

सैनिक जिसको एक्स सर्विसमैन भी कहते हैं, खुद वालिंटीयर करके हमारे अपने स्टेशन में

पहुंचे थे।

लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह ने बताया कि हमारे

तक अप्रोच कर रहे थे कि मैं देश की सेवा करना चाहता हूं। उनको ये नहीं लगा कि मेरी

नौकरी खत्म हो गई है, मैं यह नहीं करूंगा। उनकी हमने एक लिस्ट बनाई हुई थी कि जरूरत

पड़ेगी तो इनको भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में लड़ाई का तरीका

बदल रहा है। पहले लड़ाई सिर्फ मिलिट्री लड़ा करती थी। आज के दिन लड़ाई की शक्ल बहुत बदल

चुकी हैं। इसको नॉन कांटेक्ट वॉर फेयर और कांटेक्ट वॉर फेयर बोला जाता है। अभी साइबर

अटैक हो रहा है, मगर मालूम नहीं कहां से हो रहा है। हाल ही में देखा एयरपोर्ट की पूरा

सिस्टम गड़बड़ हो गया। एयर ट्रैफिक कंट्रोल में एक्सीडेंट हो सकता है, रेलवे में प्राब्लम

हो सकती है। यह खतरे बढ़ चुके हैं, इसलिए टारगेट भी बढ़ चुके हैं। आज की लड़ाई में पूरा

देश शामिल होता है। सिविल ऑफ मिलिट्री को मिलकर काम करना पड़ेगा, इसकी जिम्मेदारी सिविल

एडमिनिस्ट्रेशन की होती है।

लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह ने बताया कि देश

में सेना अपने अलग 20 अस्पताल बनाएगी। इसकी लोकेशन अलग-अलग होगी। इसमें एक्स सर्विसमैन,

सर्विसमैन इलाज करवा सकते हैं। इसको लेकर पायलेट प्रोजेक्ट चल रहा है। पूर्व सैनिक

जिनकी उम्र 70 पार हो चुकी है, उनको घर तक मेडिकल सुविधाएं पहुंचाने पर कार्य कर रहे

हैं। इसके लिए ब्लॉक स्तर पर वॉलंटियर हायर करेंगे। पूरे सिस्टम को स्पर्श योजना के

तहत जोड़ रहे हैं ताकि एक जगह से मेडिकल क्लेम सैनिक ले सकें।

कार्यक्रम में डॉट डिवीजन के अधिकार क्षेत्र में

आने वाले हिसार, जींद, फतेहाबाद, सिरसा, भिवानी, चरखी दादरी, झज्जर, महेंद्रगढ़ और

रेवाड़ी के वेटरन्स (एक्स सर्विसमैन) शामिल हुए।रैली में साउथ-वेस्टर्न कमांड के लेफ्टिनेंट

जनरल मनजिंदर सिंह के अलावा कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह, रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल

जेडीएस यादव भी उपस्थित रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर