गांव में मिल रही डिजिटल सुविधाएं - प्रधानमंत्री आवास योजना और मनरेगा के हितग्राहियों की बदली जिंदगी

कोरबा/जांजगीर-चांपा , 12 दिसंबर (हि.स.)।जांजगीर-चांपा जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) और मनरेगा का प्रभाव अब गांव-गांव में स्पष्ट दिखाई देने लगा है। डिजिटल सेवाओं की सहज उपलब्धता, योजनाओं का त्वरित लाभ और अटल डिजिटल सुविधा केंद्रों की स्थापना ने ग्रामीण विकास की दिशा को नई गति दी है। ग्रामीणों के जीवन में सुधार और योजनाओं की पारदर्शी डिलीवरी का यह मॉडल अब पूरे जिले में सफलतापूर्वक लागू हो रहा है।

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत स्वीकृत राशि अब ग्राम बनारी में स्थापित अटल डिजिटल सुविधा केंद्र के माध्यम से हितग्राहियों तक तेज़ी और सुविधा के साथ पहुँच रही है। गाँव में ही उपलब्ध इस डिजिटल केंद्र ने हितग्राहियों को बैंक जाने की परेशानी से पूरी तरह मुक्त कर दिया है। योजना की राशि सीधे बैंक खाते में आने के बाद हितग्राही केंद्र से कुछ ही मिनटों में अपना भुगतान प्राप्त कर रहे हैं और उसी राशि का उपयोग कर वे निर्माण सामग्री जैसेकृसीमेंट, सरिया, ईंट, रेत आदि खरीदकर अपने आवास निर्माण कार्य को गति दे रहे हैं। हितग्राहियों ने बताया कि अटल डिजिटल सुविधा केंद्र ने न केवल समय और खर्च दोनों की बचत कर ग्रामीणों को राहत दी है, बल्कि डिजिटल भुगतान प्रक्रिया को सरल बनाकर गाँव में पारदर्शिता और विश्वास को भी बढ़ाया है।

ग्राम बनारी के मनरेगा मजदूर कुमारी सिदार और लक्ष्मण बरेठ ने बताया कि मजदूरी का उपयोग वे घरेलू आवश्यकताओं के लिए कर रहे हैं। गांव में डिजिटल भुगतान व्यवस्था से बैंक जाने की समस्या लगभग समाप्त हो गई है। डिजिटल क्रांति का लाभ अब बनारी जैसे गांवों में भी स्पष्ट है। प्रमाण पत्रों की ऑनलाइन सुविधा, पेंशन, आवास, मनरेगा जैसी योजनाओं की राशि का त्वरित भुगतान, बैंकिंग, बिल भुगतान और योजना की स्थिति की जानकारी अब गांव में ही मिल जाती है। महिलाओं और बुजुर्गों में डिजिटल सशक्तिकरण बढ़ रहा है।

राम बाई, संतोष सूर्यवंशी और डिजिटल केंद्र संचालक गौरव बताते हैं कि पहले बैंक जाने में पूरा दिन खराब हो जाता था, अब गांव में ही आसानी से कार्य हो जाता है, महिलाएं भी आत्मनिर्भर हो रही हैं और खुद दस्तावेज़ व राशि निकालने के लिए केंद्र तक आ रही हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना, मनरेगा, महतारी वंदन, पेंशन, छात्रवृत्ति, मातृत्व सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा जैसी योजनाओं का लाभ अब सीधे ग्रामीणों तक समय पर पहुंच रहा है। अटल डिजिटल सुविधा केंद्रों ने पारदर्शिता बढ़ाई है, समय की बचत की है, आय में सुधार किया है और ग्रामीणों को तकनीक के माध्यम से सक्षम बनाया है। यह बदलाव साबित करता है कि डिजिटल इंडिया की असली ताकत गांवों में है, जहां तकनीक और योजनाएं मिलकर विकास का नया अध्याय लिख रही हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / हरीश तिवारी