पार्टी कार्यक्रम में नहीं मिला दिलीप घोष को न्योता, बंगाल भाजपा में बढ़ी हलचल

कोलकाता, 25 दिसंबर (हि. स.)। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के आगामी कोलकाता दौरे से पहले पश्चिम बंगाल भाजपा में संगठनात्मक हलचल तेज हो गई है। इसी बीच एक अहम राजनीतिक संकेत के रूप में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वरिष्ठ भाजपा नेता दिलीप घोष को पार्टी के एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किए जाने का मामला सामने आया है, जिससे अटकलों का बाजार गर्म हो गया है।

पार्टी सूत्रों के अनुसार, अमित शाह 29 दिसंबर की रात कोलकाता पहुंचेंगे। 30 और 31 दिसंबर को उनके कई संगठनात्मक कार्यक्रम प्रस्तावित हैं। शाह के दौरे के दौरान ही बंगाल भाजपा की नई प्रदेश समिति की घोषणा को लेकर चर्चा चल रही है, हालांकि संभावना जताई जा रही है कि समिति की औपचारिक घोषणा शाह के दौरे के बाद की जाएगी। प्रदेश अध्यक्ष शमिक भट्टाचार्य पहले ही नई समिति की अंतिम सूची दिल्ली भेज चुके हैं। नेतृत्व इस बात को लेकर सतर्क है कि समिति गठन के बाद असंतोष की स्थिति न बने।

इसी बीच अमित शाह के दौरे को लेकर भाजपा युवा मोर्चा ने विशेष योजना बनाई है। शाह के काफिले के आगे-पीछे चार से पांच हजार बाइकों की रैली निकालने की तैयारी है। कोलकाता, उत्तर व दक्षिण 24 परगना और हावड़ा सहित कई संगठनात्मक जिलों को इस बाइक रैली की जिम्मेदारी सौंपी गई है। एयरपोर्ट से न्यूटाउन और फिर विभिन्न पार्टी कार्यक्रमों तक शाह के काफिले के साथ यह बाइक रैली चलेगी।

दूसरी ओर, शाह के आगमन से पहले बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर भाजपा के पुराने नेताओं के पुनर्मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। यह कार्यक्रम नेशनल लाइब्रेरी के ऑडिटोरियम में हो रहा है, जिसमें केंद्रीय नेता सुनील बंसल, प्रदेश अध्यक्ष शमिक भट्टाचार्य और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी को आमंत्रित किया गया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले पुराने और निष्क्रिय नेताओं को फिर से सक्रिय करना बताया जा रहा है।

कार्यक्रम के आयोजन की जिम्मेदारी भाजपा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष प्रताप बनर्जी पर है। 2021 के विधानसभा चुनाव में पार्टी उम्मीदवार रहे नेता, पूर्व प्रदेश पदाधिकारी और पूर्व जिलाध्यक्षों को इसमें बुलाया गया है। लेकिन बुधवार शाम तक की जानकारी के अनुसार, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष को इस कार्यक्रम का निमंत्रण नहीं मिला, जिससे पार्टी के पुराने नेताओं के एक वर्ग ने सवाल उठाए हैं।

पार्टी सूत्रों के अनुसार, यदि पुराने नेताओं को एकजुट करने का प्रयास हो रहा है, तो फिर दिलीप घोष जैसे वरिष्ठ नेता को क्यों नहीं बुलाया गया। इस मुद्दे को लेकर भाजपा के मौजूदा नेतृत्व खेमे में भी असहजता देखी जा रही है। कार्यक्रम में लगभग डेढ़ हजार लोगों की उपस्थिति की संभावना है।

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हिन्दुस्थान समाचार / अभिमन्यु गुप्ता