अंबिकापुर: 5 साल से लापता दिव्यांग युवती ममता की घर वापसी, पिता से हुआ भावुक मिलन
- Admin Admin
- Dec 11, 2025
अंबिकापुर, 11 दिसंबर (हि.स.)। मानवाधिकार दिवस के अवसर पर अंबिकापुर नारी निकेतन ने मानवता और सेवा की एक प्रेरक मिसाल पेश करते हुए करीब चार से पांच वर्षों से लापता मानसिक रूप से विक्षिप्त और शारीरिक रूप से दिव्यांग युवती ममता उर्फ अंशु पासवान को उसके परिवार से मिलाया। वर्षों बाद हुए इस मिलन ने न केवल परिजनों को भावुक कर दिया, बल्कि यह साबित किया कि संवेदनशील प्रयास किसी का जीवन बदल सकते हैं।
अक्टूबर 2025 में ममता बैकुंठपुर रेलवे स्टेशन के पास भटकती हुई अवस्था में मिली थी। मानसिक असंतुलन और शारीरिक विकलांगता के कारण वह अपना नाम, पता और पहचान तक बताने में असमर्थ थी। 15 अक्टूबर 2025 से वह नारी निकेतन में रह रही थी, जहां उसे सुरक्षित आश्रय के साथ जिला चिकित्सालय के मनोरोग विभाग से उपचार और संस्था के परामर्शदाताओं से नियमित काउंसलिंग मिलती रही।
लगातार देखभाल और उपचार के बाद उसकी मानसिक स्थिति धीरे-धीरे सुधरी। इसी दौरान उसे अपने पिता का मोबाइल नंबर याद आया, जिसने उसकी पहचान की कड़ी जोड़ने में अहम भूमिका निभाई। संपर्क करने पर पता चला कि ममता बिहार के नालंदा जिले की निवासी है। इसके बाद सखी वन स्टॉप सेंटर नालंदा ने फोटो मिलान के माध्यम से उसकी पहचान की पुष्टि की और परिवार का पता सुनिश्चित किया। दोनों संस्थाओं के समन्वित प्रयासों से युवती के पुनर्वास की प्रक्रिया पूरी हुई।
10 दिसंबर 2025 को मानवाधिकार दिवस पर नारी निकेतन में आयोजित सरल समारोह में ममता को उसके पिता कैलाश पासवान और परिजनों को सौंपा गया। बेटी को वर्षों बाद सुरक्षित पाकर पिता की आंखें भर आईं। उन्होंने कहा कि यह वापस मिलना उनके लिए किसी चमत्कार से कम नहीं है और इसके लिए वे संस्था के प्रति आजीवन कृतज्ञ रहेंगे।
नारी निकेतन के संवेदनशील प्रयास, निरंतर उपचार, परामर्श और संरक्षण ने न सिर्फ ममता को अपनी पहचान याद दिलाई, बल्कि उसे अपने परिवार तक लौटने का हक भी वापस दिलाया। यह घटना मानवाधिकार दिवस पर मानवता की सच्ची जीत और प्रशासनिक-सामाजिक तंत्र की सार्थकता का सशक्त उदाहरण बनकर सामने आई है।
हिन्दुस्थान समाचार / पारस नाथ सिंह



