सिरसा: छत्रपति सम्मान की प्राप्ति व्यक्ति के जिंदा होने का एहसास: डॉ. साहिब सिंह

सिरसा, 30 नवंबर (हि.स.)। पत्रकार छत्रपति की स्मृति में सिरसा के पंचायत भवन में रविवार को साहित्यिक संस्था संवाद की ओर से छात्रपति सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें प्रख्यात पंजाबी लोक-रंगकर्मी डॉ. साहिब सिंह को छत्रपति सम्मान-2025 से नवाजा गया। इस मौके पर डॉ. साहिब सिंह ने कहा कि पत्रकार छत्रपति के नाम पर मिले सम्मान से वे भावविभोर ही नहीं बल्कि अपनी सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति और प्रतिबद्धता के लिए प्रेरित हुए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिवेश में छत्रपति सम्मान की प्राप्ति व्यक्ति में जिंदा होने का एहसास उत्पन्न करती है।

डॉ. साहिब सिंह ने कहा कि वे लोगों में जाकर उनकी भाषा में नाटक करते हैं। यह सम्मान मिलने से उनकी जिम्मेदारी और बढ़ गई है तथा वे ताउम्र लोगों के लिए नाटक करते रहेंगे। मुख्य वक्ता के तौर पर नायकों की तलाश में भटकता वर्तमान विषय पर डॉ. कुलदीप सिंह ने कहा कि वर्तमान दौर में नायक को पैदा करने के लिए समाज में बहुत बड़े संकट का नैरेटिव बनाया जाता है फिर समाज लगता है कि संकट सचमुच बहुत बड़ा है। उसके संकट को दूर करने के नाम पर किसी व्यक्ति को हीरो को पेश करके नायक बना दिया जाता है। फिर नायक को प्रचार द्वारा बहुत बड़ा बना दिया जाता है ताकि लोगों को लगे कि नायक का कोई विकल्प नहीं है। नायक पूजा के चलते जनता फिर नागरिक नहीं रह जाती बल्कि फॉलोअर या फैन बन जाती है तथा ऐसे समय में असहमति की आवाजों को पूरी तरह दबा दिया जाता है तथा जनता के जीवन से जुड़े मुद्दे हाशिए पर धकेल दिए जाते हैं।

रामचंद्र छत्रपति के व्यक्तित्व, कृतित्व एवं घटित इस पूरे प्रकरण से अवगत करवाते हुए अंशुल छत्रपति ने कहा कि छत्रपति आज भी जिंदा है तथा उनके विचार को आगे बढ़ाने के लिए ही यह कार्यक्रम किए जाते हैं तथा इन विचारों को समाज में लेकर जाने की जरूरत है। प्रो. हरभगवान चावला ने कहा कि यह नया भारत है और इस नए भारत में सारी पारंपरिक अवधारणाएं अर्थहीन हो रही हैं और डॉ. साहिब सिंह के नाटक इस नए भारत के सवालों के रूबरू करते हैं। कार्यक्रम में संवाद सिरसा के संयोजक परमानंद शास्त्री, डॉ. हरविंद्र सिंह प्रिंसिपल अरवेल सिंह, प्रिंसिपल बलदेव सिंह, हरजवंत सिंह, दर्शन सिंह भंगू, मास्टर वीर सिंह, राजकुमार शेखूपुरिया, डॉ. हरमीत कौर, शील कौशिक, गुरजीत सिंह मान, डॉ. मंगाराम पनिहारी, प्रो. वेदपाल आर्य, सोहन सिंह रंधावा, राजपाल सिंह, सुरेंद्रपाल सिंह साथी, डॉ. गुरप्रीत सिंह सिंधरा, प्रो. अशोक भाटिया आदि मौजूद रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / Dinesh Chand Sharma