डॉ. टेस्सिटोरी जयंती समारोह कल, राजस्थानी व्याख्यान होगा

जोधपुर, 12 दिसम्बर (हि.स.)। जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय के राजस्थानी विभाग में राजस्थानी शोध परिषद द्वारा प्राचीन राजस्थानी शोध सर्वेक्षण एवं ऐतिहासिक-पुरातात्विक खोजकर्ता ख्यातनाम विद्वान डॉ. एलपी टेस्सिटोरी की 138वीं जयंती के उपलक्ष में उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर राजस्थानी भासा-साहित्य अर पुरातत्व रै विकास में डॉ. टैसीटोरी रौ योगदान विषयक राजस्थानी व्याख्यान 13 दिसम्बर को न्यू कैम्पस भाषा प्रकोष्ठ स्थित राजस्थानी सभागार में सुबह 11 बजे आयोजित किया जाएगा।

राजस्थानी शोध परिषद के सचिव विष्णुशंकर ने बताया कि इस अवसर पर कला संकाय के अधिष्ठाता प्रोफेसर (डॉ.) औतारलाल मीना के मुख्य आतिथ्य एवं राजस्थानी विभागाध्यक्ष डॉ. गजेसिंह राजपुरोहित की अध्यक्षता में आयोजित इस राजस्थानी व्याख्यान में महाराजा मानसिंह पुस्तक प्रकाश शोधकेन्द्र मेहरानगढ के सहायक निदेशक एवं प्रतिष्ठित अनुसंधानकर्ता डॉ. महेन्द्रसिंह तंवर राजस्थानी भासा-साहित्य अर पुरातात्विक खोज में डॉ.टेस्सिटोरी रौ योगदान विषय पर अपना व्याख्यान देंगे। यह व्याख्यान विशेष रूप से विश्वविद्यालय के शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों के लिए आयोजित किया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि देश की आजादी से पूर्व ख्यातनाम भाषाविद प्रोफेसर ग्रियसन के मार्गदर्शन में डॉ. एलपी टेस्सिटोरी ने सन 1914 से 1919 के मध्य मारवाड़ में हजारों राजस्थानी हस्तलिखित प्राचीन बहियों की खोज कर उनका संकलन एवं शोध का बहुत महत्वपूर्ण कार्य किया। इससे पूर्व उन्होंनेे आदिकवि वाल्मिकी एवं महाकवि तुलसीदास रचित रामायण का तुलनात्मक अध्ययन पर महत्वपूर्ण शोध कार्य कर पीएचडी की उपाधि प्राप्त की थी। डॉ. टैसीटोरी का पूरा जीवन भाषा एवं साहित्य के अनुसंधान को समर्पित रहा है।

इटली के उदीन नगर में 13 दिसम्बर 1887 जन्मे डॉ. एलपी टेस्सिटोरी का मात्र 32 वर्ष की उम्र में 22 नवम्बर 1919 को मारवाड़ के बीकानेर रियासत में निधन हो गया था। डॉ. टेस्सिटोरी एक ऐसा इतालवी विद्वान है जिसने राजस्थानी शोध-सर्वेक्षण एवं पुरातात्विक खोज में देश की आजादी से पूर्व एक नया इतिहास रच दिया था।

हिन्दुस्थान समाचार / सतीश