ईसीएल ने रोजगार के स्थान पर पहली बार किया एकमुश्त मुआवज़े का वितरण
- Admin Admin
- Dec 26, 2025

आकाश देवरिया ने पहली बार जमीन अधिग्रहण के बदले एक मुश्तराशि लिया
आसनसोल, 26 दिसंबर (हि. स.)। ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ईसीएल) ने अपने मुख्यालय में भूमि अधिग्रहण तथा पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन (आर एंड आर) मुआवज़े के वितरण हेतु एक प्रस्तुति समारोह का आयोजन किया, जो भूमि अधिग्रहण संसाधित की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। पश्चिम बंगाल के पश्चिम बर्दवान ज़िले के सालानपुर थाना क्षेत्र के तहत लक्ष्मनपुर गांव के निवासी आकाश देवघरिया, ईसीएल की आर एंड आर नीति के तहत रोजगार के स्थान पर एकमुस्त (ओटीएल) मुआवज़ा विकल्प विनियमित वाले क्षेत्र के पहले भूमि धारक बने।
आकाश देवघरिया को इससे पूर्व जून 2025 से ईसीएल की आर एंड आर योजना के तहत भूमि के बदले रोजगार प्रदान किया गया था और वे जनरल असिस्टेंट के पद पर कार्यरत थे। ईसीएल द्वारा वन टाइम लैंप सम /लैंप सम एन्यूटी (ओटीएलए) योजना लागू किए जाने के बाद उन्होंने स्वेच्छा से रोजगार के स्थान पर मौद्रिक मुआवज़ा लेने का विकल्प चुना।
इस अवसर पर ईसीएल के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक (सीएमडी) सतीश झा ने अन्य कार्यात्मक निदेशकों के साथ मिलकर देवघरिया को 93 लाख 32 हजार 810 का चेक प्रदान किया।
समारोह को संबोधित करते हुए सतीश झा ने कहा कि ओटीएलए योजना एक प्रगतिशील एवं सुधारोन्मुख पहल है, जिसका उद्देश्य भूमि अधिग्रहण एवं मुआवज़ा व्यवस्था में विस्थापन, समानता तथा फिटिंग को खोलना है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत भूमि धारकों को पारंपरिक रोजगार-आधारित मुआवज़ा मॉडल के स्थान पर एकमुश्त मौद्रिक मुआवज़ा अथवा प्राधि एन्यूटी योजना (अनुपातिक आधार पर) का विकल्प प्रदान किया जाता है।
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में दो एकड़ जमीन के लिए वित्तीय मुआवज़ा लगभग 89 लाख से 1.20 करोड़ तक है, जो स्थान एवं लागू आधारभूत पर निर्भर करता है। यदि इस राशि का विवेकपूर्ण निवेश किया जाए, तो यह सतत वित्तीय आत्मनिर्भरता सुनिश्चित कर सकती है। विशेष रूप से युवाओं को शिक्षित, स्वरोजगार अथवा उच्च शिक्षा के अवसर प्रदान कर सकती है, इसके बजाय इसके कि उन्हें निम्न-स्तरीय रोजगार में समाहित होना पड़े।
सीएमडी ने कहा कि यह योजना विशेष रूप से सीमांत भूमि धारकों के लिए लाभकारी है, जिन्हें कम भूमि जोत के कारण रोजगार के लिए पात्रता प्राप्त करने में साझेदारी का सामना करना पड़ता है। एकमुश्त भुगतान तत्काल वित्तीय सुरक्षा, लाभों का समान वितरण तथा भूमि धारकों के लिए अधिक आधारभूत सुनिश्चित करता है।
उन्होंने आगे कहा कि छोटे व्यापारी एवं उद्यमी इस वित्तीय लाभ का उपयोग अपने मौजूदा व्यवसाय के विस्तार के लिए कर सकते हैं, जबकि पहले से रोजगार या उद्यम में संलग्न व्यक्ति वार्षिकी विकल्प चुनकर एक अतिरिक्त एवं स्थिर मासिक आय सुनिश्चित कर सकते हैं।
अपने अनुभव साझा करते हुए आकाश देवघरिया ने बताया कि ओटीएल योजना को क्रियान्वयन का निर्णय उन्होंने अपने परिवार और मित्रों के साथ विस्तृत चर्चा तथा वित्तीय दायित्वों से परामर्श के बाद लिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि ओटीएल मुआवज़े से प्राप्त ब्याज आय, ईसीएल में मिलने वाले वेतन से अधिक होगी तथा म्यूचुअल फंड सहित विवेकपूर्ण निवेश से मूलधन सुरक्षित रखे हुए बेहतर प्रतिफल प्राप्त किया जा सकता है।
देवघरिया ने आगे कहा कि इस योजना के माध्यम से वे अपनी विधि (कानूनी) परिसंपत्तियों को आगे बढ़ाने में सक्षम हुए हैं, जिससे उन्हें ब्याज या लाभांश के अतिरिक्त आय प्राप्त हो रही है और वे अपनी शैक्षणिक योग्यता एवं आकांक्षाओं के अनुरूप क्षेत्र में कार्य कर पा रहे हैं। उन्होंने स्मरण किया कि भूमिगत खानों में श्रमिकों के रूप में कार्य करना शारीरिक रूप से बेहद कठिन था और इसके उन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता था। ओटीएलए योजना के बारे में जानकारी प्राप्त करने और महाप्रबंधक (एलई) श्री पार्थ सखा दे के साथ विस्तृत चर्चा के बाद, उन्होंने सभी पहलुओं का विविध मूल्यांकन कर इस योजना को क्रियान्वयन का निर्णय लिया।
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हिन्दुस्थान समाचार / संतोष विश्वकर्मा



