सरकारी प्रयास रंग लाया, धमतरी में दलहन–तिलहन खेती का विस्तार
- Admin Admin
- Dec 20, 2025
धमतरी, 20 दिसंबर (हि.स.)। जिले में कृषि क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव अब स्पष्ट रूप से नजर आने लगा है। फसल चक्र परिवर्तन केवल नीतिगत निर्णय न रहकर किसानों की व्यवहारिक पसंद बनता जा रहा है। रबी सीजन में किसान पारंपरिक धान की खेती के बजाय कम सिंचाई में बेहतर उत्पादन देने वाली दलहन और तिलहन फसलों की ओर तेजी से रुख कर रहे हैं। इस परिवर्तन के पीछे राज्य शासन, जिला प्रशासन और कृषि विभाग के समन्वित व सतत प्रयासों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
कृषि विभाग द्वारा उच्च गुणवत्ता के बीज और उर्वरकों की उपलब्धता, समय पर मिट्टी परीक्षण, आधुनिक खेती से संबंधित प्रशिक्षण और तकनीकी मार्गदर्शन किसानों को नई फसलों के लिए प्रेरित कर रहा है। इसी क्रम में ग्राम दरबा वीरेझर में उतेरा पद्धति से बोई गई सरसों फसल का निरीक्षण किया गया। आसपास के लगभग 15 ग्रामों में वर्षा आधारित असिंचित उतेरा पद्धति से 1000 एकड़ से अधिक क्षेत्र में सरसों की खेती की जा रही है। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप जिले में वर्तमान में लगभग 10 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सरसों की खेती की जा रही है, जबकि 4,500 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में चना बोया गया है। इसके अतिरिक्त मक्का, मूंगफली, तुअर और अरहर जैसी फसलों का रकबा भी लगातार बढ़ रहा है।
ग्राम परेवाडीह में फसल चक्र परिवर्तन और विभागीय योजनाओं के तहत चना लगभग 800 एकड़, सरसों 25 एकड़ तथा तिवड़ा 25 एकड़ में लगाया गया है। कृषि विभाग के अधिकारी नियमित रूप से खेतों में पहुंचकर फसलों की स्थिति का अवलोकन कर रहे हैं और किसानों को आवश्यक तकनीकी सलाह दे रहे हैं। इससे पहले कलेक्टर अबिनाश मिश्रा भी खेत-खेत जाकर किसानों से संवाद कर चुके हैं और फसल विविधीकरण को लेकर उनका उत्साह बढ़ाया है।
कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने कहा कि धमतरी जिले में कम पानी में अधिक लाभ देने वाली फसलों को बढ़ावा देना प्रशासन की प्राथमिकता है। धान के साथ-साथ दलहन और तिलहन फसलों की खेती से न केवल जल संरक्षण होगा, बल्कि किसानों की आय भी स्थायी रूप से बढ़ेगी। जिले में हो रहा यह फसल चक्र परिवर्तन भविष्य में टिकाऊ कृषि और समृद्ध किसान की दिशा में एक मजबूत और दूरगामी कदम साबित हो रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा



