प्रवर्तन निदेशालय ने पश्चिम बंगाल में धन शोधन के दो मामलों में अनुपूरक आरोप पत्र दाखिल किए
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- Dec 20, 2025
कोलकाता, 20 दिसंबर (हि.स.)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पश्चिम बंगाल में धन शोधन से जुड़े दो अलग-अलग मामलों में धन शोधन निवारण अधिनियम की विशेष अदालत में अनुपूरक अभियोजन शिकायतें दाखिल की हैं। इनमें एक मामला 12 दिसंबर को और दूसरा आठ दिसंबर को कोलकाता की विशेष अदालत में दाखिल किया गया।
केंद्रीय एजेंसी ने शनिवार सुबह जारी अपने बयान में बताया है कि आठ दिसंबर को दाखिल एक अनुपूरक शिकायत ऑनलाइन गेमिंग एप फिविन से जुड़ी है। इस मामले में उत्कर्ष आर्य और सुजीत कुमार झा को आरोपित बनाया गया है। इसके साथ ही सुजीत कुमार झा के लाभकारी स्वामित्व वाली 12 कंपनियों को भी आरोपित के रूप में शामिल किया गया है। एजेंसी का आरोप है कि इन कंपनियों का इस्तेमाल फिविन गेमिंग एप से उत्पन्न अपराध की आय को छिपाने, रखने और हासिल करने के लिए कॉरपोरेट ढांचे के रूप में किया गया और उसे वैध कारोबारी आय के रूप में दिखाया गया।
प्रवर्तन निदेशालय ने बताया कि फिविन ऑनलाइन गेमिंग एप की शुरुआत कोविड-19 अवधि के दौरान 2020 में हुई थी और यह जून 2023 तक संचालित होता रहा। इस एप को तेज और आसान तरीके से पैसे कमाने के साधन के रूप में प्रचारित किया गया। इसका प्रचार यूट्यूब, फेसबुक और अन्य डिजिटल माध्यमों के जरिए किया गया। एप में माइंसवीपर और रंग अनुमान जैसे सरल खेल शामिल थे, जो पूरी तरह किस्मत पर आधारित थे और जिनमें खिलाड़ी के कौशल की कोई भूमिका नहीं थी।
इस मामले में जांच कोलकाता के काशीपुर थाना में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर शुरू की गई थी। प्राथमिकी भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत ऑनलाइन गेमिंग एप फिविन के जरिए धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के आरोपों को लेकर अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज की गई थी।
जांच में यह सामने आया कि इस एप का संचालन चीनी नागरिकों द्वारा भारतीय नागरिकों की मदद से किया जा रहा था। आरोपितों और उनसे जुड़ी कंपनियों के जरिए अपराध की आय का लेनदेन चीनी नागरिकों के साथ किया गया। प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार, फिविन एप धोखाधड़ी से करीब 400 करोड़ रुपये की रकम उत्पन्न हुई, जिसे चीनी नागरिकों के नाम पर डिजिटल मुद्रा वॉलेट में जमा किया गया। चीनी नागरिकों और आरोपितों के बीच संवाद और निर्देश मुख्य रूप से टेलीग्राम जैसे डिजिटल मंचों के माध्यम से दिए जाते थे।
प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में अब तक 25.78 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है।
दूसरी ओर, आठ दिसंबर को दाखिल दूसरी अनुपूरक शिकायत आर पी इन्फोसिस्टम्स लिमिटेड से जुड़े मामले में है। इसमें ऑनट्रैक सिस्टम्स लिमिटेड को आरोपी बनाया गया है। प्रवर्तन निदेशालय ने बताया कि दोनों मामलों में आगे की जांच जारी है।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर



