टीएमसी में राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों की चुनावी बैठक
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- Dec 20, 2025
मुंबई ,20 दिसंबर (हि. स.) । ठाणे महानगर पालिका के आम चुनाव की पृष्ठभूमि में, आचार संहिता को सख्ती से लागू करने के मकसद से ठाणे महानगर पालिका के चुनाव विभाग ने आज राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों की एक बैठक रखी। इस बैठक में सभी पॉलिटिकल पार्टियों को इलेक्शन प्रोसेस में नियमों, खर्च की लिमिट और कानूनी नियमों के बारे में गाइड किया गया।
ठाणे म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के एडिशनल कमिश्नर (2) प्रशांत रोडे की अध्यक्षता में हुई इस मीटिंग में डिप्टी कमिश्नर इलेक्शन उमेश बिरारी, जी.जी. शामिल हुए। गोडेपुरे, डिप्टी कमिश्नर भालचंद्र बेहरे, कोड ऑफ़ कंडक्ट टीम के हेड, डिप्टी डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर वैशाली लम्भाटे, तहसीलदार प्रिया जांभाले-पाटिल, कैंडिडेसी खर्च और अकाउंट्स वेरिफिकेशन टीम के हेड दिलीप सूर्यवंशी और सभी पॉलिटिकल पार्टियों के रिप्रेजेंटेटिव मौजूद थे।
स्टेट इलेक्शन कमीशन के निर्देशों के अनुसार, हर कैंडिडेट के लिए चुनाव खर्च की मैक्सिमम लिमिट 13 लाख रुपये तय की गई है, और यह साफ किया गया कि इस लिमिट का सख्ती से पालन करना ज़रूरी है। इस लिमिट में बैनर, पोस्टर, होर्डिंग्स, गाड़ियों पर एडवर्टाइजमेंट, मीटिंग, रैली, लाउडस्पीकर, सोशल मीडिया कैंपेन और कैंपेन के लिए इस्तेमाल होने वाले प्रिंटेड मटीरियल का खर्च शामिल होगा। साथ ही, एडिशनल कमिश्नर 2 प्रशांत रोडे ने कहा कि कैंडिडेट परमिशन लेने के बाद ही रैली और मीटिंग करें।
यह साफ किया गया कि मॉडल कोड ऑफ़ कंडक्ट के तहत, कैंपेन के लिए सरकारी मशीनरी, कर्मचारियों, गाड़ियों और प्रॉपर्टी का इस्तेमाल करना मना है। साथ ही, डिप्टी कमिश्नर इलेक्शन उमेश बिरारी ने कहा कि धर्म, जाति, समाज में फूट डालने वाले भाषणों और वोटरों को प्रभावित करने के लिए तोहफ़े या कैश बांटने पर पूरी तरह रोक है।
साथ ही, उम्मीदवारों को एक अलग खर्च रजिस्टर रखना होगा और हर खर्च की डिटेल्स रसीदों के साथ समय-समय पर चुनाव प्रशासन को जमा करना ज़रूरी है। खर्च इंस्पेक्टर खर्च रजिस्टर की जांच करेंगे, और अगर खर्च की लिमिट का उल्लंघन किया जाता है, तो संबंधित उम्मीदवार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी, अयोग्य ठहराने की सिफारिश की जाएगी और केस दर्ज किया जाएगा, यह जानकारी कैंडिडेसी खर्च और अकाउंट्स इंस्पेक्शन टीम के हेड दिलीप सूर्यवंशी ने दी।
मीटिंग में यह भी कहा गया कि सोशल मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर कैंपेनिंग के लिए मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मॉनिटरिंग कमेटी (एम सी एम सी ) से पहले मंज़ूरी लेनी होगी, और अगर कोई आपत्तिजनक या गलत जानकारी फैलाई जाती है तो तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / रवीन्द्र शर्मा



