हनुमानगढ़ में ड्यून एथेनॉल फैक्ट्री पर बवाल जारी

हिंसा में 100 से अधिक नामजद; बाहरी तत्वों की भूमिका की जांच

हनुमानगढ़, 11 दिसंबर (हि.स.)। हनुमानगढ़ जिले के राठीखेड़ा में निर्माणाधीन ड्यून एथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड फैक्ट्री को लेकर मचा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार को हुई हिंसा के बाद गुरुवार को टिब्बी पहुंचे एडीजी वीके सिंह ने कहा कि उपद्रव में बाहरी तत्वों की भूमिका सामने आई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पुलिस ने किसी प्रकार की फायरिंग नहीं की और भीड़ को रोकने के लिए संयम बरता गया।

एडीजी सिंह ने बताया कि हिंसा में शामिल 107 से अधिक लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जिनमें करीब 30 छोटे-बड़े जनप्रतिनिधियों के नाम भी शामिल हैं। अब तक 40 लोगों को हिरासत में लिया गया है। घटना में 36 से ज्यादा पुलिसकर्मी और बॉर्डर होमगार्ड घायल हुए हैं, जिनमें पांच को गंभीर चोटें आई हैं।

उधर अखिल भारतीय किसान सभा के जिला महासचिव मंगेज चौधरी ने प्रशासन पर लाठीचार्ज का आरोप लगाया और कहा कि पुलिस के हथियार जंग लगे थे, नहीं तो बड़ी जनहानि हो सकती थी। उन्होंने घोषणा की कि 17 दिसंबर को किसान कलेक्ट्रेट का घेराव करेंगे।

गुरुवार को टिब्बी के गुरुद्वारा सिंह सभा में बड़ी किसान सभा हुई, जिसमें महिलाओं ने भी हिस्सा लिया। इससे पहले कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को पुलिस ने सभा तक पहुंचने से रोक दिया था। विधायक रुपिंदर सिंह कुन्नर को भी हिरासत में लिया गया।

उल्लेखनीय है कि प्रदर्शनकारियों ने फैक्ट्री की दीवार तोड़कर परिसर में प्रवेश किया और कार्यालय में आग लगा दी। इसके बाद पुलिस और किसानों के बीच पत्थरबाजी हुई, जिसमें कांग्रेस विधायक सहित 70 से अधिक लोग घायल हुए। आज भी टिब्बी क्षेत्र में इंटरनेट सेवाएं बंद हैं और फैक्ट्री के आसपास के करीब 30 परिवार घर छोड़कर जा चुके हैं।

मंत्री सुमित गोदारा और जोगाराम पटेल ने हिंसा को प्रायोजित बताते हुए कहा कि यह वास्तविक किसान आंदोलन नहीं था, बल्कि बाहर से आए करीब एक हजार लोगों ने हालात बिगाड़े। उन्होंने कहा कि सरकार वार्ता के लिए तैयार है, लेकिन कानून हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने दावा किया कि ड्यून प्लांट पूर्व सरकार के एमओयू के आधार पर स्वीकृत हुआ था। उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याएं वाजिब हो सकती हैं, लेकिन हिंसा स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर इस तरह हिंसा होगी तो निवेशक प्रदेश में कदम रखने से हिचकेंगे।

एडीजी वीके सिंह ने कहा कि फैक्ट्री से 700 से 800 लोगों को रोजगार व एक हजार से अधिक को लाभ मिलने वाला है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग आंदोलन को उग्र करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन ग्रामीणों को भड़कावे में नहीं आना चाहिए। उन्होंने कहा कि कई लोग कैमरे में पत्थर फेंकते और कानून तोड़ते हुए दिखे हैं। किसी को भी कानून हाथ में लेने से पहले सोचना चाहिए।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश