निर्वाचन आयोग ने पूर्व मंत्री कांति गांगुली को सुनवाई के लिए किया तलब, दो जनवरी को पेश होने का नोटिस

कोलकाता, 31 दिसंबर (हि. स.)। पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री और वामपंथी नेता कांति गांगुली ने बुधवार को कहा कि उन्हें चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान से जुड़े एक मामले में निर्वाचन आयोग ने सुनवाई के लिए तलब किया है। 82 वर्षीय कांति गांगुली ने बताया कि उन्हें दो जनवरी को आयोग के अधिकारियों के सामने उपस्थित होने के लिए कहा गया है।

कांति गांगुली ने कहा कि नोटिस मिलने से वह हैरान हैं। उन्होंने बताया कि उनका नाम 2002 की मसौदा मतदाता सूची में दर्ज है और वह कई दशकों से नियमित रूप से मतदान करते आ रहे हैं। उन्होंने निर्वाचन आयोग को अपना जवाब भेज दिया है और सुनवाई में जरूर शामिल होंगे।

माकपा नेता कांति गांगुली ने अपने जवाब में अपने लंबे राजनीतिक जीवन का विस्तार से उल्लेख किया है। उन्होंने बताया कि वह कितने वर्षों तक विधायक रहे और वाम मोर्चा सरकार के दौरान एक दशक तक राज्य मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में सेवाएं दीं। इसके अलावा उन्होंने पार्षद से लेकर बोरो समिति के अध्यक्ष तक के अपने विभिन्न पदों का भी जिक्र किया है।

कांति गांगुली ने यह भी कहा कि उन्होंने गणना प्रपत्र के साथ सभी आवश्यक दस्तावेज जमा कर दिए थे। इसके बावजूद उन्हें नोटिस जारी किए जाने के औचित्य पर उन्होंने सवाल उठाया है।

वाम मोर्चा के सत्ता से बाहर होने के करीब 15 साल बाद भी कांति गांगुली जमीनी स्तर पर सक्रिय बने हुए हैं। इस बीच निर्वाचन आयोग ने एक अधिसूचना जारी कर कहा है कि 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं या गंभीर रूप से बीमार मतदाताओं की सुनवाई उनके निवास स्थान पर ही की जाएगी।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर