एनआरआई लोगों से ठगी करने वाले फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश, छह गिरफ्तार

नोएडा, 11 दिसंबर (हि.स.)। नोएडा शहर के थाना फेस-वन पुलिस ने गुरुवार काे एनआरआई लोगों से ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गिरोह की सरगना एक युवती समेत छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपित विदेशी नागरिकों को ओटीटी प्लेटफार्म का सब्सक्रिप्शन देने के नाम पर ठगी करते थे, जिसमें 100 से 300 डॉलर तक की राशि वसूलते थे।

पुलिस उपायुक्त यमुना प्रसाद ने बताया कि फेस-वन थाना पुलिस और सर्विलांस टीम ने संयुक्त कार्रवाई की है। सूचना के आधार पर सेक्टर-दो में वेबबिज सर्विस एलएलसी नाम की कंपनी में छापा मारा गया। उन्होने बताया कि मौके से छह लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनकी पहचान सेक्टर-82 स्थित केंद्रीय विहार में रहने वाली तनिष्का, वृंदावन निवासी अनिल बघेल, गौरव, राधा बल्लभ, योगेश बघेल और बिहार के सारन जिला निवासी मनीष कुमार के रूप में हुई है। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे लोग ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से विदेशों में रह रहे भारतीय नागरिकों को भारतीय, पाकिस्तानी और अन्य देशों के ओटीटी प्लेटफॉर्म का सब्सक्रिप्शन कम दामों में अवैध रूप से उपलब्ध कराते हैं। आरोपित अपनी कंपनी के नाम पर विदेश में रहने वाले भारतीय नागरिकों को ओटीटी प्लेटफॉर्म के विभिन्न सब्सक्रिप्शन चैनलों के कंटेंट को बिना किसी लाइसेंस के रिकॉर्ड करते हैं। इसके बाद उसकी कॉपी को प्रसारित करते हैं, जैसे कि उपभोक्ता को वैध रूप से सब्सक्रिप्शन दिया जा रहा हो। कुछ समय बाद आरोपित सब्सक्रिप्शन बंद कर देते हैं और रिनुअल के नाम पर उपभोक्ता से बार-बार पैसों की मांग करते हैं। हर सब्सक्रिप्शन को 100 डॉलर से 300 डॉलर तक में बिक्री करते हैं। आरोपियों के पास से 20 मोबाइल फोन, पांच सीपीयू, पांच कंप्यूटर मॉनिटर, एक लैपटॉप, छह कीबोर्ड, छह माउस, छह हेडफोन, एक आईपीटीवी बॉक्स, दो एयरटेल एक्सट्रीम फाइबर राउटर और तीन मोहर बरामद हुई हैं।

उन्होंने बताया कि पुलिस टीम ने जब छापेमारी की तो पता चला कि कार्यालय में बैठे लोग कंप्यूटर के जरिये कॉलिंग कर रहे थे। पुलिसकर्मियों को देखकर सभी ने कॉलिंग बंद कर दी। कंप्यूटर पर पुलिसकर्मियों ने देखा तो उसमें एक सॉफ्टवेयर के जरिये अमेरिका में बैठे लोगों को इंटरनेट कॉल कर रहे थे। सख्ती से पूछताछ में आरोपित माफी मांगने लगे।

पुलिस उपायुक्त ने बताया कि गिरोह की सरगना 24 वर्षीय तनिष्का है। उसने स्नातक की पढ़ाई की है। उसने खुद को कंपनी का निदेशक होने का दावा किया। उसने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वह लालच में आकर विदेशी नागरिकों को कॉल करके ठगी करते हैं। लोगों को 12 से 27 माह के लिए 100 से 300 डॉलर में सब्सक्रिप्शन देते थे। इसके बाद अल्प अवधि में बंद कर देते थे। डीसीपी ने बताया कि आरोपित ओटीटी का सब्सक्रिप्शन लेकर भारतीय, पाकिस्तान और अन्य देशों के मूल ओटीटी प्लेटफार्म कंटेट तक पहुंच बना लेते थे। इसके बाद कैप्चर कार्ड जैसे सॉफ्टवेयर की मदद से एक्सेस लिमिट आदि में सेंधमारी कर फर्जीवाड़ा करते थे। लिंक भेजकर ग्राहकों को दो साल तक का सब्सक्रिप्शन ऑफर देकर झांसे में लेते थे। वह निर्धारित टेलीकालिंग प्रक्रिया का पालन नहीं कर रहे थे। वह इंटरनेट से कॉल स्पूफिंग करते। इससे कॉलिंग लाइन आइडेंटिफिकेशन नंबर बदल देते थे। ताकि कॉल करने वाले व्यक्ति को कोई दूसरा नंबर दिखाई दे।

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह अमेरिकी डॉलर में कंपनी के नाम से बने खाते में रकम ट्रांसफर कराते थे। इसके बाद गिरफ्तार आरोपित अनिल बघेल अपनी कंपनी के खाते में रकम ट्रांसफर करा लेते थे। अमेरिकी लोगों से इसलिए ठगी करते थे, ताकि वे पुलिस द्वारा पकड़े न जाएं।

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हिन्दुस्थान/सुरेश

हिन्दुस्थान समाचार / सुरेश चौधरी