आईजीएमसी में फर्जी टेक्नीशियन महिला पकड़ी, मरीजों से ले रही थी ब्लड सैंपल

शिमला, 27 नवंबर (हि.स.)। राजधानी शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आईजीएमसी) में मरीजों से खून के नमूने लेने के नाम पर फर्जीवाड़ा करने की घटना सामने आई है। अस्पताल प्रशासन की सतर्कता से एक महिला पकड़ी गई, जो खुद को लैब टेक्नीशियन बताकर वार्डों और इमरजेंसी क्षेत्र में मरीजों से ब्लड सैंपल एकत्र कर रही थी। शिकायत मिलने के बाद आईजीएमसी प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मामले की रिपोर्ट पुलिस चौकी लक्कड़ बाजार को सौंप दी है, जहां अब पुलिस जांच शुरू हो गई है।

आईजीएमसी प्रशासन के अनुसार कई मरीजों और अस्पताल कर्मचारियों ने शिकायत दी थी कि अज्ञात महिला अस्पताल परिसर में घूमकर खुद को लैब की ओर से अधिकृत बताती है और खून के नमूने लेती है। शिकायत पर संज्ञान लेते हुए उसे मेडिकल सुपरिटेंडेंट के पी.ए. द्वारा बुलाया गया। पूछताछ के दौरान जब उससे पहचान पत्र, लैब से अधिकार संबंधी दस्तावेज और अन्य प्रमाण मांगे गए तो वह कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सकी।

पूछताछ में महिला ने बताया कि वह पहले एक प्राइवेट लैब से जुड़ी रही है और उसी के लिए सैंपल एकत्र करती है। उसने एक अन्य व्यक्ति शेखर का नाम भी बताया, जिसे उसने अपने सहयोगी के रूप में पेश किया। हालांकि वह इस दावे के समर्थन में कोई प्रमाण नहीं दे पाई। अस्पताल प्रशासन ने कहा कि यह मामला मरीजों की सुरक्षा से सीधे जुड़ा है और बिना अनुमति एवं पहचान पत्र के नमूना संग्रह करना कानूनन आपराधिक कृत्य है।

आईजीएमसी के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. राहुल राव ने कहा कि मरीजों की सुरक्षा और विश्वास अस्पताल की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस तरह की अवैध गतिविधियां न केवल स्वास्थ्य जोखिम पैदा करती हैं, बल्कि अस्पताल प्रणाली के दुरुपयोग की भी कोशिश हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए शिकायत पुलिस को सौंप दी गई है और हमने सख्त कार्रवाई की मांग की है। भविष्य में ऐसी किसी भी अनधिकृत गतिविधि को सख्ती से रोका जाएगा।

पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई है और यह भी तलाशा जा रहा है कि क्या महिला किसी गिरोह का हिस्सा है और मरीजों को नुकसान पहुंचाने या आर्थिक ठगी की कोई कोशिश की गई थी।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा