एमजीयूजी के कृषि विद्यार्थियों में लिया एनबीआरआई में प्रशिक्षण, जाना जैव उर्वरकों का महत्व

गोरखपुर, 1 दिसंबर (हि.स.)। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर (एमजीयूजी) के कृषि संकाय के सप्तम सेमेस्टर के 30 विद्यार्थियों ने विगत दिनों लखनऊ स्थित राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान (एनबीआरआई) में 15 दिवसीय प्रशिक्षण प्राप्त किया।

कृषि संकाय के अधिष्ठाता डॉ. विमल कुमार दूबे ने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम को दो विशेष इकाइयों में विभाजित किया गया था। 15 विद्यार्थियों ने प्लांट टिशू कल्चर यूनिट में विस्तृत प्रशिक्षण प्राप्त किया। यहां विशेषज्ञ वैज्ञानिकों द्वारा विद्यार्थियों को टिशू कल्चर तकनीक की मूल अवधारणाओं, मीडिया प्रिपेरेशन, न्यूट्रिएंट फॉर्मुलेशन, एसेप्टिक कंडीशन में कार्य करने की विधि, कॉलस इंडक्शन, शूट एवं रूट रीजेनेरेशन, हार्डनिंग प्रक्रिया तथा पौधों के सूक्ष्म संवर्धन के विभिन्न चरणों की जानकारी दी गई। विद्यार्थियों ने प्रयोगशाला में व्यावहारिक कार्य करके यह सीखा कि किस प्रकार टिशू कल्चर तकनीक का प्रयोग गुणवत्तापूर्ण पौध प्रतिरूपण, रोगमुक्त पौध उत्पादन तथा वाणिज्यिक पौध संवर्धन में किया जाता है।

दूसरी ओर 15 विद्यार्थियों ने बायोफर्टिलाइज़र यूनिट में 15 दिनों का प्रशिक्षण प्राप्त किया, जहां उन्हें जैव उर्वरकों के महत्व, निर्माण प्रक्रिया तथा कृषि में उनके उपयोग की विस्तृत जानकारी दी गई। प्रशिक्षण के दौरान विद्यार्थियों ने राइजोबियम, ऐजोस्पिरिलम, पीएसबी जैसे लाभकारी सूक्ष्मजीवों की पहचान, संवर्धन विधि, कैरियर सामग्री की तैयारी, पैकेजिंग एवं गुणवत्ता परीक्षण तकनीकों का गहन अध्ययन किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम की सफलता पर एमजीयूजी के कुलपति डॉ. सुरिंदर सिंह एवं कुलसचिव डॉ. प्रदीप राव ने विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / प्रिंस पाण्डेय