जयपुर, 14 दिसंबर (हि.स.)। आयुष मंत्रालय भारत सरकार एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के संयुक्त तत्वावधान में 17 से 19 दिसंबर 2025 तक नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में वैश्विक शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। यह शिखर सम्मेलन वैज्ञानिक सत्यापन, डिजिटल स्वास्थ्य, जैव विविधता संरक्षण एवं पारंपरिक चिकित्सा में वैश्विक सहयोग को सुदृढ़ करने पर केंद्रित होगा।
इस वैश्विक शिखर सम्मेलन का शुभारम्भ केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रतापराव जाधव द्वारा किया जाएगा तथा समापन समारोह में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शामिल होने की संभावना है।
राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर के कुलपति प्रोफेसर संजीव शर्मा ने बताया कि इस वर्ष के शिखर सम्मेलन का मुख्य विषय संतुलन बहाल करना ‘‘स्वास्थ्य और कल्याण का विज्ञान एवं अभ्यास” निर्धारित किया गया है। इस वैश्विक आयोजन में विश्व के 113 से अधिक देशों से मंत्री, नीति निर्माता,स्वास्थ्य विशेषज्ञ, शोधकर्ता, उद्योग प्रतिनिधि एवं चिकित्सक भाग लेंगे।
उन्होंने बताया कि इस ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन में राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर के चिकित्सकों का दल भी सहभागी होगा, जो दुनिया भर से आए प्रतिनिधियों को राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर द्वारा तैयार आयुष उत्पादों, उनकी उपयोगिता एवं वैज्ञानिक आयामों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेगा।
कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने घोषणा की कि आयुष मंत्रालय भारत के विश्व प्रसिद्ध एवं वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित औषधीय पौधे अश्वगंधा पर एक विशेष सत्र आयोजित करेगा। इसमें पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों से लेकर आधुनिक स्वास्थ्य प्रणाली में अश्वगंधा के प्रभाव और उपयोगिता पर विशेषज्ञ अपने विचार प्रस्तुत करेंगे।
113 से अधिक देशों की सहभागिता के साथ यह शिखर सम्मेलन पारंपरिक, पूरक, एकीकृत एवं स्वदेशी चिकित्सा पद्धतियों के राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणालियों में साक्ष्य-आधारित, न्यायसंगत और सतत एकीकरण हेतु एक दशक-लंबी वैश्विक रूपरेखा निर्धारित करेगा।
शिखर सम्मेलन के विशेष विचार-विमर्श के अंतर्गत अश्वगंधा - पारंपरिक ज्ञान से वैश्विक प्रभाव तक अग्रणी वैश्विक विशेषज्ञों के दृष्टिकोण विषय पर एक विशेष सत्र 17 से 19 दिसंबर 2025 को आयोजित किया जाएगा। डब्ल्यूएचओ जीटीएमसी द्वारा आयुष मंत्रालय के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में विश्व प्रसिद्ध शोधकर्ता, नीति निर्माता एवं चिकित्सक अश्वगंधा के एडाप्टोजेनिक, न्यूरो प्रोटेक्टिव और इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गुणों पर आधारित नवीनतम वैज्ञानिक साक्ष्यों पर चर्चा करेंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश



