गुजरात में 9 नए जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों को मंजूरी, किसानों को सीधा लाभ

गांधीनगर 31 दिसंबर (हि.स.)। गुजरात में सहकारी ढांचे को और मजबूत करने तथा ग्रामीण और सीमावर्ती किसानों तक बैंकिंग सुविधाएं पहुंचाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने एक बड़ा निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में राज्य में 9 नए जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (डीसीसीबी) के गठन को सैद्धांतिक मंजूरी दी गई।

बैठक के बाद सरकार के प्रवक्ता मंत्री जीतू वाघाणी ने बताया कि यह पहल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में की गई है, ताकि देशभर में ग्रामीण सहकारी बैंकों का विस्तार किया जा सके। इन नई बैंकों की स्थापना नाबार्ड द्वारा प्रस्तुत एप्रोच नोट के आधार पर की जाएगी।

मौजूदा बैंकों का होगा विभाजन, नए जिलों में बनेंगी स्वतंत्र बैंकें

राज्य की बड़ी और पुरानी जिला सहकारी बैंकों के विभाजन के बाद नए जिलों में स्वतंत्र सहकारी बैंक अस्तित्व में आएंगे।

मौजूदा बैंक → नई बनने वाली जिला बैंक

पंचमहल बैंक → अरावली जिला बैंक

साबरकांठा बैंक → अरावली जिला बैंक

सूरत बैंक → तापी जिला बैंक

वडोदरा बैंक → छोटा उदेपुर जिला बैंक

जामनगर बैंक → देवभूमि द्वारका जिला बैंक

जूनागढ़ बैंक → पोरबंदर जिला बैंक

खेड़ा बैंक → आणंद जिला बैंक

वलसाड बैंक → डांग और नवसारी जिला बैंक

किसानों होगा लाभ

आसान ऋण सुविधा: नए जिलों में स्वतंत्र बैंक होने से किसानों को ऋण और वित्तीय सहायता आसानी से मिल सकेगी।

स्थानीय स्तर पर सेवाएं: अब बैंकिंग कार्यों के लिए किसानों को बड़े जिलों के मुख्यालयों तक नहीं जाना पड़ेगा।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती: स्थानीय स्तर पर वित्तीय लेन-देन बढ़ने से ग्रामीण और जिला अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।

कैबिनेट की मंजूरी के बाद राज्य सरकार अब नाबार्ड के माध्यम से यह प्रस्ताव भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) को भेजेगी।

आरबीआई से अंतिम स्वीकृति और लाइसेंस मिलने के बाद ये सभी नई जिला केंद्रीय सहकारी बैंकें विधिवत रूप से कार्यरत हो जाएंगी।

राज्य सरकार के इस फैसले को गुजरात में सहकारिता और किसानों के हित में एक महत्वपूर्ण और दूरगामी कदम माना जा रहा है।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / यजुवेंद्र दुबे