गुरुग्राम: लोन के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़

-कॉल सेंटर से 11 महिलाओं सहित 13 आरोपी काबू, 13 मोबाइल फोन बरामद

-सितंबर 2025 से चल रहा था फर्जी काल सेंटर

गुरुग्राम, 10 दिसंबर (हि.स.)। स्थानीय पुलिस के साइबर अपराध थाना दक्षिण की पुलिस टीम ने एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है। इस कॉल सेंटर से लोन देने के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी करके ठगी की जाती थी। पुलिस प्रवक्ता संदीप कुमार ने बुधवार को बताया कि मौके से 11 महिलाओं समेत 13 आरोपियों को काबू किया गया है। उनके कब्जे से 13 मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं।

जानकारी के अनुसार नौ दिसंबर 2025 को थाना साइबर अपराध दक्षिण, गुरुग्राम की पुलिस टीम को अपने विश्वसनीय सूत्रों के माध्यम से एक सूचना मिली थी। सूचना में बताया गया कि स्पेस आईटी पार्क, टॉवर बी-3, सेक्टर-48, गुरुग्राम में फर्जी तरीके से कॉल सेंटर चलाया जा रहा है। वहां पर उमंग फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड के नाम से लोन देने की आड़ में साइबर ठगी की जाती है। इस सूचना पर सहायक पुलिस आयुक्त साइबर अपराध प्रियांशु दिवान के नेतृत्व में निरीक्षक नवीन कुमार व टीम ने मौके पर छापेमारी की। पुलिस टीम को वहां 13 लोग (11 महिलाएं व दो पुरुष) कॉल के माध्यम से लोगों को लोन देने का झांसा देकर ठगी करते हुए मिले। सभी को मौके से ही काबू कर लिया गया। आरोपियों की पहचान शिवांशी (20) निवासी गुरुग्राम, हर्षिता ( उम्र 20) निवासी गुरुग्राम, मिताली (19) निवासी गुरुग्राम, वंशिका (22) निवासी फरीदाबाद, शिक्षा सिंह (19) निवासी बहराइच (उ.प्र.), श्रेया (21) निवासी गुरुग्राम, अंजलि (19) निवासी कानपुर (उ.प्र.), प्रियंका (18) निवासी गुरुग्राम, प्रीति (23) निवासी रायबरेली (उ.प्र.), आकांक्षा निवासी कानपुर (उ.प्र.), सलोनी (18) निवासी बिजनौर (उ.प्र.), हिमांशुपाल (22) निवासी कन्नौज (उ.प्र.), प्रिंस कुमार (31) निवासी मेरठ (उ.प्र.) के रूप में हुई।

कॉल सेंटर को मेरठ निवासी सोहेल संचालित करता था

गिरफ्तार किए गए आरोपियों से गहन पूछताछ करने पर पता चला कि इस कॉल सेंटर को मेरठ निवासी सोहेल नामक व्यक्ति संचालित करता है। कॉल सेंटर को 45,000 रुपये मासिक किराए पर लिया हुआ है। इन सभी कर्मचारियों को 15,000-20,000 रुपये मासिक वेतन मिलता। ये शुरुआत में उमंग फाइनेंस में सेल्स एक्जीक्यूटिव की जॉब के नाम पर भर्ती निकालते हैं। फिर भर्ती हुए सेल्स एक्जीक्यूटिव को फर्जी ज्वाइनिंग लेटर देकर उसका केवीईसी करते हैं। उन्हीं सेल्स एग्जीक्यूटिव के माध्यम से कॉल करके लोगों को लोन देने का झांसा दिया जाता था। लोन प्रक्रिया के नाम पर पहले 4,700 रुपये और फिर फाइल चार्ज के नाम पर 18,000-21,000 रुपये वसूल कर लेते हैं। अधिक लक्ष्य पूरा करने वाले कर्मचारियों को 10 प्रतिशत अतिरिक्त कमीशन/बोनस भी मिलता है। पुलिस टीम द्वारा काबू किए गए आरोपियों के विरुद्ध पुलिस थाना साइबर अपराध दक्षिण गुरुग्राम केस दर्ज किया गया है।

हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर