गुरुग्राम: डिजिटल अरेस्ट के आरोप में गुजरात निवासी वीजा कंसलटेंट गिरफ्तार
- Admin Admin
- Nov 30, 2025
-आरोपी ने अपने भाई के माध्यम से बैंक खाता साइबर ठगों को उपलब्ध कराया
-आरोपी द्वारा साइबर ठगों को उपलब्ध कराए गए बैंक खाते से 39 लाख रुपये की ठगी
गुरुग्राम, 30 नवंबर (हि.स.)। डिजिटल अरेस्ट के एक मामले में गुजरात के रहने वाले वीजा कंसलटेंट को गुरुग्राम पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोप है कि उसने अपने भाई के माध्यम से साइबर ठगों को बैंक खाता उपलब्ध कराया था। उसी बैंक खाते के माध्यम से साइबर ठगों ने 39 लाख रुपये की साइबर ठगी की वारदात को अंजाम दिया।
जानकारी के अनुसार चार दिसंबर 2024 को एक महिला ने पुलिस थाना साइबर अपराध पूर्व गुरुग्राम में एक लिखित शिकायत दी थी। शिकायत में कहा था कि उसके बेटे के पास एक व्हाट्सएप कर ऑडियो कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को पुलिस अधिकारी बताते हुए कहा कि उसके बेटे के आधार कार्ड का प्रयोग हवाला के काम में हुआ है। महिला ने ऐसा होने से इंकार किया तो फर्जी पुलिस अधिकारी ने एफआईआर दर्ज कराने का डर दिखाया। फिर उन्होंने एक सीबीआई अफसर से वीडियो कॉल करके उनको डिजिटल अरेस्ट करने की बात कही। उनके नाम हवाला के केस शामिल होने का डर दिखाते हुए उनसे अलग-अलग बैंक खातों में दो करोड़ 92 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए। इस शिकायत पर पुलिस थाना साईबर अपराध पूर्व में केस दर्ज किया गया। सहायक पुलिस आयुक्त साइबर अपराध गुरुग्राम प्रियांशु दीवान के नेतृत्व में थाना साइबर अपराध पूर्व प्रबंधक की पुलिस टीम ने इस वारदात को अंजाम देने में शामिल एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान आशीषभाई रमनलाल राणा (उम्र-36 वर्ष) निवासी तापी, गुजरात के रूप में हुई है। आरोपी को न्यायालय से दो दिन के पुलिस हिरासत रिमांड पर लिया गया। आरोपी से प्रारंभिक पुलिस पूछताछ में पता चला है कि वह वर्ष-2021 से दुबई में वीजा कंसलटेंट के रूप में काम करता है। माह मई-2025 में यह दुबई से भारत आया था। आरोपी ने पुलिस पूछताछ में यह भी बताया कि इस केस में ठगी गई राशि दो करोड़ 92 लाख रुपये उसके अन्य साथी आरोपियों द्वारा अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कराए गए थे। जिनमें से 39 लाख रुपये उसके (आरोपी आशीषभाई रमनलाल राणा) द्वारा उपलब्ध कराए गए बैंक खाते में ट्रांसफर हुए थे। यह बैंक खाता उसके भाई (मितेश भाई) ने उपलब्ध कराया था। इसने (आरोपी अशीषभाई रमनलाल राणा) वही बैंक खाता अपने आगे अपने साथी साइबर ठगों को उपलब्ध कराया था। आरोपी ने बताया कि उसके भाई मितेश भाई को यह बैंक खाता उपलब्ध कराने के बदले 12 लाख 80 हजार रुपये लिए थे। पुलिस द्वारा इस केस में आरोपी (आरोपी अशीष भाई रमनलाल राणा) व उसके भाई (मितेश भाई) सहित 18 आरोपियों को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है।
हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर



