गुरुग्राम: सबका अभिनंदन है, नमन करो इसको, ये माटी चंदन है...

-वीर बाल दिवस पर राष्ट्रबोध से प्रेरित वक्तव्य एवं काव्यंजलि

-अखिल भारतीय साहित्य परिषद गुरुग्राम इकाई ने किया कार्यक्रम आयोजित

गुरुग्राम, 28 दिसंबर (हि.स.)। अखिल भारतीय साहित्य परिषद गुरुग्राम इकाई के तत्वावधान में रविवार आर्य समाज मन्दिर मॉडल टाउन गुरुग्राम में वीर बाल दिवस का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि पूर्व कुलपति डॉ. अशोक दिवाकर, इकाई अध्यक्ष विधु कालरा, मार्गदर्शक एवं वरिष्ठ साहित्यकार अशोक शर्मा ने मंच को सुशोभित किया। अतिथियों ने दीप प्रज्वलन करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

कार्यक्रम इकाई महामंत्री डॉ. सुप्रिया संजू ने सूत्रधार की भूमिका निभाई। कार्यक्रम का संचालन इकाई उपाध्यक्ष प्रो. मीनाक्षी पांडेय ने किया। परिषद का ध्येय गीत कवि अनंत सप्रे द्वारा प्रस्तुत किया गया। राष्ट्र बोध से प्रेरित वक्तव्य एवं काव्यांजलि द्वारा वीर बाल दिवस के अवसर पर अपने भाव प्रस्तुत किया। डॉ. अशोक दिवाकर ने अपने प्रभावशाली उद्बोधन में गुरु गोविंद सिंह जी के बलिदानी परंपरा वाले परिवार की विस्तृत चर्चा करते हुए कहा धर्म और स्वाभिमान की रक्षा के लिए जोरावर सिंह और फतेह सिंह का विरल बलिदान था। हम अपने लोकपुरुषों को याद करें उनकी चर्चा करें।

डॉ. अशोक शर्मा ने प्रबुद्धजनो को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ जख्मों का ताजा रहना बहुत जरूरी है। हमारे पूर्वजों ने न सिर्फ बलिदान दिया, बल्कि उसे अपने आचरण में लाकर प्रतिष्ठित किया। प्रख्यात साहित्यकार घमंडी लाल अग्रवाल ने मुक्तक और कविता द्वारा अपने भाव प्रस्तुत किये वीर होते नहीं अगर, ये धरा हो गयी होती बंजर। डॉ. विजय नागपाल नाविक जी ने दोहों के द्वारा वीर बाल दिवस का शब्द चित्र प्रस्तुत किया। जोरावर बस रो पड़ा, लख ऊंची दीवार, भाग्यवान फतेह तू, लोनी बाजी मार। प्रांतीय कोषाध्यक्ष हरींद्र यादव ने माहिया प्रस्तुत किया-सबका अभिनंदन है, नमन करो इसको, ये माटी चंदन है।

हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर