वर्ष 2025 को संघ के 100 वर्ष और राममंदिर आंदोलन की पुर्णाहुति के लिए जाना जाएगाः रामबहादुर राय
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- Dec 11, 2025

नई दिल्ली, 11 दिसंबर (हि.स.)। हिन्दुस्थान समाचार के समूह संपादक एवं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष रामबहादुर राय ने गुरुवार को कहा कि वर्ष 2025 को आने वाले समय में संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने और राममंदिर आंदोलन को पूर्णाहुति देने के वर्ष के तौर पर जाना जाएगा। उन्होंने कहा कि संघ की स्थापना 1925 में हुई और साम्यवादी एवं समाजवादी आंदोलन की शुरुआत भी उसी के आसपास हुई थे लेकिन वे आज कहां हैं और संघ कहां है। संघ के लिए निःस्वार्थ भाव से जीवन समर्पित करने वाले कार्यकर्ताओं के चलते ही ऐसा संभव हो पाया।
रामबहादुर राय संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने पर यहां के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के समवेत सभागार में हिन्दुस्थान समाचार समूह की ओर से सामाजिक-सांस्कृतिक चेतना और संघ विषयक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में हिन्दुस्थान समाचार समूह की दो पत्रिकाओं- नवोत्थान के विशेषांक ‘संघ शताब्दी : नए क्षितिज’ और युगवार्ता के विशेषांक ‘नींव के पत्थर’ का विमोचन हुआ। नवोत्थान संघ के शताब्दी वर्ष से जुड़े सांस्कृति चेतना पर केंद्रित है और युगवार्ता में संघ के 105 प्रचारकों की संक्षिप्त जीवनी है।
वरिष्ठ पत्रकार रामबहादुर राय ने कहा कि संघ को जानने के लिए संघ संस्थापक डॉ हेडगेवार के साथ जीवन गुजारने वाले लोगों को समझा जा सकता है। ऐसे ही देश समाज के लिए जीवन देने वाले 105 प्रचारकों का युगवार्ता पत्रिका में संकलन किया गया है। इन प्रचारकों ने देश-समाज के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।
उन्होंने तुलना करते हुए कहा कि वर्ष 1925 में संघ के साथ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की भी स्थापना हुई थी। उसके नौ वर्ष बाद कांग्रेस समाजवादी दल की स्थापना हुई थी, जिसके 90 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि संघ 100 वर्षों बाद समाज जीवन के हर क्षेत्र में है वहीं साम्यवादी और समाजवादी आंदोलन सिमट कर रह गया है।
रामबहादुर राय ने कहा कि वर्ष 2025 को वंदेमातरम के 150 वर्ष पूरे होने के तौर पर भी याद किया जाएगा। उनका मानना है कि बंकिम चंद्र चटर्जी ने इसे लिखा नहीं था बल्कि यह उन पर उतरा था। उन्होंने केवल इसे लिखा था जैसे गणेश जी ने वेदव्यास जी की कही महाभारत लिखी थी।
कार्यक्रम के दौरान इस्कॉन बेंगलुरु के उपाध्यक्ष भरतर्षभ दास ने कहा कि दुनिया को शांति का मार्ग केवल भारत ही दिखा सकता है। वर्तमान में दुनिया में केवल वैचारिक संघर्ष जारी है। भारत को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। हमें इसे ठीक करने के लिए नए तरीके ढूंढने होंगे। संघ ने इस कार्य को पिछले 100 सालों से तमाम विरोधों के बावजूद जारी रखा है। हमें भी चाहिए कि वैचारिक संघर्ष को समझें और सनातन को अपने मन में बसाएंं।
हिन्दुस्थान समाचार समूह के अध्यक्ष अरविंद मार्डीकर ने कार्यक्रम में स्वागत भाषण दिया। उन्होंने हिन्दुस्थान समाचार के संघर्षों के इतिहास का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि एजेंसी आज 15 भाषाओं में समाचार उपलब्ध कराती है। तमाम कठिनाइयों के बावजूद हमारा कार्य निरंतर आगे बढ़ रहा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रद्धा द्विवेदी



