संघ की सेवा की विरासत पर हम सभी को गर्वः विजेन्द्र गुप्ता

दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष विजेन्द्र गुप्ता सहित अन्य लोग युगवार्ता और नवोत्थान पत्रिका का विमोचन करते हुए।दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष विजेन्द्र गुप्ता

नई दिल्ली, 11 दिसंबर (हि.स.)। दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने गुरुवार को कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पिछले 100 वर्षों से त्याग, तपस्या और अनुशासन के साथ समाज और राष्ट्र के उत्थान के लिए कार्य कर रहा है। उसकी यह यात्रा सेवा और समर्पण से आगे बढ़ी है। हम सभी को संघ की सेवा की इस विरासत पर गर्व होना चाहिए।

विजेन्द्र गुप्ता ने यह बात यहां के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) के समवेत सभागार में आयोजित सामाजिक-सांस्कृतिक चेतना और संघ विषयक कार्यक्रम में कही। यह कार्यक्रम हिन्दुस्थान समाचार समूह की ओर से संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने पर आयोजित किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य देश में सामाजिक और सांस्कृतिक चेतना को जागृत करना तथा संघ के योगदान को लोगों के सामने लाना है।

कार्यक्रम में हिन्दुस्थान समाचार समूह की दो पत्रिकाओं- नवोत्थान मासिक के अंक ‘संघ शताब्दी : नए क्षितिज’ और युगवार्ता पाक्षिक के विशेषांक ‘नींव के पत्थर’ का विमोचन हुआ। नवोत्थान संघ के शताब्दी वर्ष से जुड़े सांस्कृति चेतना पर केंद्रित है और युगवार्ता विशेषांक में संघ के 105 प्रचारकों की संक्षिप्त जीवनी है।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेन्द्र गुप्ता, मुख्य वक्ता संघ की अखिल भारतीय कार्यकारणी के सदस्य इंद्रेश कुमार और विशिष्ट अतिथि इस्कॉन बेंगलुरु के उपाध्यक्ष भरतर्षभ दास थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता हिन्दुस्थान समाचार के समूह संपादक और आईजीएनसीए के अध्यक्ष रामबहादुर राय ने की। कार्यक्रम में हिन्दुस्थान समाचार के अध्यक्ष अरविंद भालचंद्र मार्डीकर की विशेष उपस्थिति रही। मंच का संचालन हिन्दुस्थान समाचार के संपादक जितेन्द्र तिवारी ने किया।

इस अवसर विजेन्द्र गुप्ता ने लोगों से संघ के 100 वर्ष पूरे होने पर संघ की ओर से समाज परिवर्तन के लिए लाए गए ‘पंच परिवर्तन’ अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि स्वदेशी अपनाएं, नागरिक कर्तव्यों का पालन करें, पर्यावरण और जल का संरक्षण करें। इसके साथ ही समाज में समरसता रहे और सबसे महत्वपूर्ण कुटुंब प्रबोधन यानी पारिवारिक मूल्यों को बढ़ावा दें। उन्होंने कहा, “भारत की पहचान ही परिवार है और अपने बच्चों को पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव से हमें बचाना चाहिए।”

उन्होंने कहा कि दुनियाभर में संघ का विस्तार संघ संस्थापक डॉ. हेडगेवार के संकल्प और अनगिनत स्वयंसेवकों के अथक समर्पण का परिणाम है, जिन्होंने राष्ट्र सेवा को अपना जीवन मिशन बनाया। वर्ष 1925 में विजयादशमी के दिन अपनी स्थापना के समय से ही संघ का उद्देश्य स्पष्ट था कि भारत की संस्कृति, समाज और राष्ट्र को एक मजबूत और जागृत दिशा देना। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर आज तक संघ ने लगातार देशभक्ति, सामाजिक एकता और राष्ट्रीय चेतना को मजबूत किया है और चुनौती, संकट और पुनर्निर्माण के हर दौर में राष्ट्र के साथ मजबूती से खड़ा रहा है।

विधानसभा अध्यक्ष गुप्ता ने कहा कि संघ की सौ साल की यात्रा सिर्फ एक संगठन की कहानी नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय पुनर्जागरण, सांस्कृतिक पुनरुत्थान और अनुशासित राष्ट्र निर्माण की कहानी है। नागपुर में अपनी विनम्र शुरुआत से लेकर भारत के भाग्य को आकार देने वाली एक शक्तिशाली शक्ति बनने तक, संघ राष्ट्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता में अडिग रहा है। विपरीत परिस्थितियों के बावजूद, इसने एक दीर्घकालिक सभ्यतागत दृष्टिकोण बनाए रखा है जो राजनीतिक उतार-चढ़ाव से परे है और भारत के सांस्कृतिक और सामाजिक परिवर्तन पर केंद्रित है। गुप्ता ने इस बात पर ज़ोर दिया कि संघ ने नागरिकों में जागरूकता बढ़ाकर, युवाओं को प्रशिक्षित करके और उन्हें सशस्त्र बलों तथा राष्ट्रीय सेवाओं में शामिल होने के लिए प्रेरित करके राष्ट्रीय सुरक्षा चेतना को मजबूत किया है।-----------

हिन्दुस्थान समाचार / श्रद्धा द्विवेदी