आईटीआई लड़भड़ोल में नशा मुक्त भारत अभियान के तहत परामर्श एवं जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
- Admin Admin
- Nov 27, 2025
मंडी, 27 नवंबर (हि.स.)। राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान लड़भड़ोल में नशा मुक्त भारत अभियान के तहत एक महत्वपूर्ण परामर्श एवं जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में प्रोफेशनल काउंसलर लीना मेहता ने प्रशिक्षार्थियों को नशे से बचाव के उपाय बताकर जागरूक किया।कार्यक्रम के मुख्य बिंदुओं में बताया गया कि नशा सबसे पहले हमारे आसपास के वातावरण से ही शुरू होता है। 12 से 25 वर्ष की उम्र में बच्चे उत्सुकता और प्रयोग करने की चाह में नशे की ओर अग्रसर होते हैं। इसके अलावा, जेनेटिक कारणों से भी नशा करने की प्रवृत्ति होती है, खासकर यदि माता-पिता कोई नशा करते हों तो बच्चों में इसकी संभावना बढ़ जाती है। शुरुआती नशा बीड़ी और सिगरेट से शुरू होता है, जो धीरे-धीरे खतरनाक नशों के लिए रास्ता बन जाता है, इसे गेटवे थ्योरी ऑफ सब्सटेंस एब्यूज कहा गया।नशे की आदत बढ़ने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों प्रभावित होते हैं। सोचने-समझने की क्षमता कम हो जाती है, काम में मन नहीं लगता, चिड़चिड़ापन बढ़ता है और जीवन अस्तव्यस्त हो जाता है।
आर्थिक स्थिति भी बिगड़ जाती है। नशा मस्तिष्क के रिवॉर्ड सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है जिससे मानसिक समस्याएं उत्पन्न होती हैं। प्रोफेशनल काउंसलर ने सुझाव दिया कि बच्चों को फोन का सीमित उपयोग करना चाहिए, खानपान में सुधार करें, योग और प्राणायाम को दिनचर्या में शामिल करें और अच्छे लोगों से सकारात्मक संवाद बनाएं। जीवन में सीखने की इच्छा बनाए रखना नशे से दूर रहने का सबसे अच्छा तरीका है।कार्यक्रम में संस्थान के कार्यकारी प्रधानाचार्य प्रवीण कुमार, अनुशिक्षक सुशील कुमार, नवलीत कुमार, कनिष्ठ सहायक विजय कुमार एवं अन्य कर्मचारी भी उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा



