आईपीयू में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए आईआईटी जैसे फैकल्टी स्कीम्स शुरू करने की योजना

नई दिल्ली, 27 नवंबर (हि.स.)। गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय (आईपीयू) परिसर में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए आईआईटी जैसे फैकल्टी स्कीम्स शुरू करने की योजना बना रहा है।

अटल इनक्यूबेशन सेंटर (एआईसी) में विश्वविद्यालय के सभी डीन और निदेशकों के साथ बैठक में आईपीयू कुलपति प्रो. (डॉ.) महेश वर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालय के स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए ऐसी फैकल्टी स्कीम्स शुरू करना आवश्यक है।

उन्होंने पीएचडी स्कॉलर्स से समाज की सेवा के लिए मौलिक अनुसंधान के अलावा नए स्टार्टअप की ओर अपने शोध परियोजनाओं को निर्देशित करने का आग्रह किया। छात्रों के बीच फंडिंग के अवसरों के बारे में सीमित जागरूकता एक प्रमुख कारक है।

कुलपति ने कहा कि अनुसंधान संस्थानों के लिए उद्योग, सरकार और फंडिंग एजेंसियों के साथ जुड़ना आवश्यक हो रहा है ताकि प्रासंगिक और अनुप्रयोग-आधारित अनुसंधान को बढ़ावा दिया जा सके।

उन्होंने कहा कि आईआईटी फैकल्टी स्टार्टअप को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से समर्थन देते हैं, जिसमें समर्पित उद्यमिता अवकाश, बीज और इनक्यूबेशन फंडिंग और बाहरी संगठनों के साथ साझेदारी शामिल है। कई आईआईटी में फैकल्टी इनोवेशन और रिसर्च-ड्रिवन एंटरप्रेन्योरशिप (फायर) कार्यक्रम या फैकल्टी-लेड टेक्नोलॉजीज के व्यावसायीकरण का समर्थन करने के लिए समान पहल हैं।

कुलपति ने बताया कि इस अवसर पर चार नए स्टार्टअप के कार्य प्रोफाइल प्रदर्शित किए गए। केंद्र में पहले से ही कई स्टार्टअप इनक्यूबेशन में हैं।

एआईसी के सीईओ हेमंत श्रीवास्तव ने बताया कि अपनी स्थापना के केवल दो वर्षों में ही नीति आयोग द्वारा देश के शीर्ष पांच इनक्यूबेशन केंद्रों में इसे शामिल किया गया है।

उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय को परिसर में स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए लीड नॉलेज इंस्टीट्यूशन (एलकेआई) का दर्जा भी दिया गया है।

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हिन्दुस्थान समाचार / माधवी त्रिपाठी